आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : सुबह दौड़ की प्रैक्टिस। दोपहर में कागज के लिफाफे तैयार करना। फिर दुकान-दुकान जाकर सप्लाई करना। शाम होते ही फिर से दौड़ लगाना। कुछ ऐसा ही जीवन जीने को मजबूर हैं वर्ल्ड रोड रेस वॉकिंग चैम्पियनशिप में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले अयोध्या के एथलीट जय प्रकाश सिंह।

जय प्रकाश का जीवन मुश्किलों से भरा है। मगर, हौसले बुलंद हैं। देश को पदक दिलाने की चाह अपने दिल में लिए और 38 की उम्र में भी एथलेटिक्स की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे हैं। उनका सिलेक्शन 1-2 दिसंबर को ताइवान में होने वाली वर्ल्ड चैम्पियनशिप ओपेन रेस में हुआ है।

आइए पढ़ते हैं जय प्रकाश के संघर्ष की कहानी

24 घंटे में हासिल करना है 150 किलोमीटर से ज्यादा का सफर

यह प्रतियोगिता ताइवान के ताइपे में हो रही है। यह चाइनीज ताइपे एसोसिएशन ऑफ अल्ट्रारनर्स की ओर से आयोजित की जाएगी। जय प्रकाश ने बताया, ”जुलाई में मुंबई में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 24 घंटे में 150 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर उन्होंने रजत पदक हासिल किया था।

इसके आधार पर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में आवेदन किया था। इसके बाद उनका चयन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए किया गया है। ताइपे में होने वाली ओपन चैम्पियनशिप में हर वर्ग के लोग शामिल होंगे। करीब 100 से भी अधिक विभिन्न देशों के एथलीट शामिल होने के लिए इसमें आएंगे।”

दौड़ने के लिए पैर में अच्छे जूते तक नहीं हैं

जय प्रकाश सिंह छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई कर रहे हैं। परिवार में शादीशुदा बहन जया, छोटे भाई शैलेंद्र, सुरेंद्र, श्याम और छोटी बहन संध्या है। मां कमला की बीमारी के चलते 2012 में ही मौत हो गई थी। पिता जगदंबा की भी 2014 में बीमारी से मौत हो गई थी।

इसके बाद से परिवार का सारा बोझ जय प्रकाश के कंधों पर आ गया था। जय प्रकाश के घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इस कारण उन्हें खेल में आगे बढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुराने जूते से ही वह इन दिनों प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।

जय प्रकाश ने बताया, ”जो जूता मेरे पास है उसकी लाइफ 700 किलोमीटर तक ही है। लेकिन उससे अभी तक 5000 किलोमीटर तक दौड़ लगा चुके है। इसलिए वह अपने जूतों का प्रयोग अभ्यास के दौरान कम, प्रतियोगिताओं में ज्यादा करते हैं।”

जय प्रकाश ने देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था

जय प्रकाश सिंह देश के पहले ऐसे एथलीट हैं, जिन्होंने 35 साल से अधिक आयु वर्ग की स्पर्धा में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। 2022 में ओमान के मस्कट में वर्ल्ड एथलेटिक्स द्वारा आयोजित हुई वर्ल्ड रोड रेस वॉकिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। जय प्रकाश ने बताया, ”इस बार ताइवान में होने वाली चैम्पियनशिप में भी देश को पदक दिलाना है। इसके लिए लगातार मैं मेहनत कर रहा हूं।”