नई दिल्ली । हवाई यात्रा के किराए में 40 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। जानकारों का कहना है, कि 27 मार्च से रेगुलर इंटरनेशनल ट्रैवल फिर से शुरू किए जाने के सरकार के फैसले से फ्लाइट्स की संख्या में इजाफा हो सकता है। इसके चलते किराए में कमी आ सकती है। रेगुलर कमर्शियल इंटरनेशनल फ्लाइट्स कोविड के कारण दो साल के प्रतिबंध के बाद फिर से शुरू हो रही हैं। लुफ्थांसा और ग्रुप कैरियर स्विस ने अगले कुछ महीनों में उड़ानों को लगभग दोगुना करने की योजना बनाई है, जबकि सिंगापुर एयरलाइंस उड़ानें 17 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है।
डॉमेस्टिक कैरियर इंडिगो को आने वाले महीनों में लगभग 100 वैश्विक उड़ानें फिर से शुरू करने की उम्मीद है। भारत में नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध के दौरान एयरलाइंस को कुछ देशों के साथ एयर बबल व्यवस्था के तहत सीमित संख्या में विदेशी उड़ानें संचालित कर सकने की अनुमति थी। भारत-अमेरिका जैसे कुछ हवाई मार्गों पर महामारी से पहले की तुलना में सीमित क्षमता ने हवाई किराए को 100 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।
जानकारों ने कहा, नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन ने मांग-आपूर्ति असंतुलन पैदा कर दिया था, जिससे बबल समझौतों के तहत कुछ मार्गों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा महंगी हो गई थी। क्षमता के वापस आने और कनेक्टिविटी व अधिक मार्गों में वृद्धि के साथ, हम उम्मीद कर सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय किराए पूर्व-कोविड स्तरों पर लौट आएंगे।’