सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल ने मेलीओइडोसिस के प्रति जागरूकता और क्लिनिकल प्रबंधन पर अपनी वार्षिक एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया।
यह कार्यक्रम इस महत्वपूर्ण शैक्षिक पहल का तीसरा लगातार वर्ष था, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश में इस संक्रामक रोग के प्रचलन को लेकर स्वास्थ्य पेशेवरों और क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्टों में जागरूकता बढ़ाना है। कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रो. अजय सिंह, एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक ने कहा, “हमारी यह निरंतर कोशिश है कि हम स्वास्थ्य पेशेवरों को महत्वपूर्ण ज्ञान से लैस करें जो जीवन बचा सके। मेलीओइडोसिस को भले ही कम रिपोर्ट किया जाता हो, लेकिन निरंतर प्रशिक्षण से हम इस पर नियंत्रण पाने का प्रयास कर रहे हैं।”
मेलीओइडोसिस, जो बर्कहोल्डरिया सूडोमलेई बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होता है, एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य खतरा है जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पाया जाता है, जहां कृषि कार्यों में लगे लोग इसके अधिक शिकार होते हैं। पहले मध्य प्रदेश में अज्ञात मानी जाने वाली मेलीओइडोसिस की पहचान एम्स भोपाल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा पिछले तीन वर्षों से की जा रही है। इस रोग की उच्च मृत्यु दर को ध्यान में रखते हुए, एम्स भोपाल ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित किया ताकि डॉक्टरों और शोधकर्ताओं के बीच ज्ञान के अंतर को कम किया जा सके और प्रभावी प्रबंधन के उपायों को बढ़ावा दिया जा सके।
इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों से सम्मानित क्लिनिकल फैकल्टी और माइक्रोबायोलॉजिस्टों ने भाग लिया, जिनमें एम्स मंगलगिरी, मिलिट्री अस्पताल भोपाल, आईसीएमआर-बीएमएचआरसी भोपाल, GEMS श्रीकाकुलम, एसआरवीएस मेडिकल कॉलेज शिवपुरी, एसवीएनजीएमसी यवतमाल और एम्स नागपुर शामिल थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मेलीओइडोसिस रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत आयोजित किया गया, जिसके प्रमुख अन्वेषक एम्स भोपाल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर आयुष गुप्ता है।
इस अवसर पर मेलीओइडोसिस के निदान के लिए एक प्रयोगशाला मैनुअल भी जारी किया गया, जो चिकित्सकों और माइक्रोबायोलॉजिस्टों को इस संक्रामक रोग के निदान और प्रबंधन में सहायक होगा। इस वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम ने क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने, निदान और उपचार दृष्टिकोण में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चिकित्सा पेशेवरों को आवश्यक ज्ञान और संसाधन प्रदान करके, यह कार्यक्रम मेलीओइडोसिस के रोग की जल्दी पहचान और प्रभावी प्रबंधन में योगदान करने का लक्ष्य रखता है।