सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स के फार्माकोलॉजी विभाग ने “फार्माकोविजिलेंस: स्वास्थ्यकर्मी की भूमिका” विषय पर एक सीएमई का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों में प्रतिकूल औषधि घटनाओं की रिपोर्टिंग के प्रति जागरूकता और क्षमता बढ़ाना था, ताकि रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस अवसर पर एम्स के कार्यपालक प्रो. अजय सिंह ने फार्माकोविजिलेंस को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कहा, “फार्माकोविजिलेंस आधुनिक स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह प्रतिकूल औषधि प्रतिक्रियाओं की पहचान, समझ और रोकथाम में हमारी पहली रक्षा पंक्ति के रूप में कार्य करता है, जो रोगियों की सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे समय में जब नई दवाओं और उपचार विधियों का निरंतर विकास हो रहा है, स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका इन घटनाओं की निगरानी और रिपोर्टिंग में और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। सतर्क फार्माकोविजिलेंस के माध्यम से, हम न केवल अपने रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि वैश्विक ज्ञान में भी योगदान देते हैं, जिससे अधिक सुरक्षित और प्रभावी उपचार विकसित किए जा सकें। यह आवश्यक है कि प्रत्येक स्वास्थ्य प्रदाता इस जिम्मेदारी के महत्व को समझे और नैदानिक अभ्यास में सुरक्षा और पारदर्शिता की संस्कृति को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से भाग ले।”

CME organized on pharmacovigilance for health workers in AIIMS

एलएन मेडिकल कॉलेज, भोपाल के डॉ. निकेत राय ने भारतीय फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम (PVPI) के अंतर्गत प्रतिकूल औषधि प्रतिक्रियाओं (एडीआर) की रिपोर्टिंग पर मोबाइल ऐप के द्वारा एक व्यावहारिक प्रदर्शन दिया। एम्स का फार्माकोलॉजी विभाग फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (PVPI) के तहत मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए के लिए प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया निगरानी केंद्र और फार्माकोविजिलेंस के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र (RTC), आरटीसी के रूप में कार्यकर्ता है। केन्द्र की समन्वयक, डॉ. रतिंदर झाझ, ने प्रोग्राम की आवश्यकता और कार्यप्रणाली पर एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। एम्स भोपाल के त्वचा विज्ञान विभाग को रोगी सुरक्षा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए “पेशेंट सेफ्टी चैंपियन ट्रॉफी” से सम्मानित किया गया।

CME organized on pharmacovigilance for health workers in AIIMS

यह सीएमई कार्यक्रम स्वास्थ्यकर्मियों के बीच फार्माकोविजिलेंस के महत्व को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिससे प्रतिकूल औषधि घटनाओं की सतर्क और समय पर रिपोर्टिंग के माध्यम से बेहतर रोगी परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें। इस कार्यक्रम में भोपाल और विदिशा के मेडिकल, आयुष और फार्मेसी कॉलेजों के साथ-साथ एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों से 130 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों, जिनमें डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स, दंत चिकित्सक और स्नातकोत्तर छात्र शामिल थे, ने भाग लिया।

CME organized on pharmacovigilance for health workers in AIIMS