सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स में बानी हेल्थ और आईपीआर, कॉपीराइट एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर समिति के सहयोग से स्वास्थ्य सेवा में बौद्धिक संपदा अधिकार” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन एम्सस भोपाल के कार्यपालक प्रो. अजय सिंह ने किया। प्रो. सिंह ने कहा कि हम लोग हर रोज कुछ न कुछ नया करते रहते हैं और यही इनोवेशन होता है। इनोवेशन अपने आप में एक संस्कृति है। इस को जबरदस्ती किसी पर थोपा नहीं जा सकता। आवश्यकता इस बात की है कि हम जो कुछ भी करें उसका डॉक्यूमेंटेशन कर प्रकाशित करें। इस प्रकार दूसरों के साथ जानकारी साझा करने से हम एक शुरूआत करते हैं जिस पर आगे चलकर कुछ और प्रयोग-अनुप्रयोग होते हैं जो नवाचार को बढ़ावा देते हैं। प्रो. सिंह ने कहा कि छात्रों और रेजिडेंटस को नवाचार के लिए अवश्य प्रोत्साहित करना चाहिए।
डॉ. बाबू लाल सोनी ने कार्यशाला के संबंध में बताते हुए कहा कि इस कार्यशाला के द्वारा प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित बुनियादी बातों को जानने का एक अवसर मिलेगा। इसके अलावा इनोवेशन को किस प्रकार से पेटेंट कराया जाए इस संबंध में भी जानकारी मिल सकेगी।
कार्यशाला के दौरान डीन (रिसर्च), डॉ. रेहान-उल-हक ने बताया कि पेटेंट, बिना अनुमति के अनुसंधान से प्राप्त ज्ञान की नकल, निर्माण, बिक्री या आयात को रोकता है। पेटेंट बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिए और भविष्य के नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए बहुत जरूरी हैं। पूर्व वरिष्ठ संयुक्त नियंत्रक, पेटेंट एवं डिजाइन तथा पूर्व प्रमुख, पेटेंट कार्यालय, दिल्ली डॉ. किशन कर्दम ने कहा कि पेटेंट प्राप्त करने से न केवल संस्थान की वैश्विक प्रतिष्ठा मजबूत होती है, बल्कि उसे एक प्रमुख अनुसंधान केंद्र के रूप में भी मान्यठता मिलती है।
बानी हेल्थ के बारे में बताते हुए नोडल अधिकारी डॉ. सैकत दास ने कहा कि 20 दिसंबर 2023 को स्थापित बायो इनक्यूबेशन एंड एडवांस्ड हेल्थकेयर में नवाचार का मुख्य2 उद्देश्यल इनोवेशन को बढ़ावा देना एवं छात्रों और रेजीडेंट्स को प्रोत्साएहित करना ताकि कुछ ऐसे नवाचार विकसित हो सके जो मरीजों की देखभाल और उनके उपचार में सहायक हों। अभी तक सात परियोजनाओं के अंतर्गत ऐसे उपकरण तैयार करने के प्रक्रिया चल रही है जिनसे मरीजों का इलाज करने में काफी सुविधा होगी।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बौद्धिक संपदा अधिकारों की समझ और उपयोग को बढ़ाना है। दो दिन की इस कार्यशाला में इंटरैक्टिव सत्र, पैनल चर्चाएं और केस स्टडीज़ होंगी। यह पहल एम्स की स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए बौद्धिक संपदा का सही उपयोग सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।