सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स में अगस्त 2024 से एक अभिनव स्नातकोत्तर कार्यक्रम, ट्रांसलेशनल मेडिसिन में एम.एससी. की शुरुआत की गयी है। एम्स के कार्यपालक प्रो. अजय सिंह ने नवागंतुक एम.एससी. छात्रों के साथ बातचीत करते हुए कार्यक्रम के महत्व को बताते हुए कहा, “ट्रांसलेशनल मेडिसिन में एम.एससी. कोर्स के द्वारा चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाया जाएगा। यह कार्यक्रम भविष्य के ऐसे प्रोफेशनल्स तैयार करेगा जो नवाचार को आगे बढ़ाएंगे और अनुसंधान के निष्कर्षों को वास्तविक स्वास्थ्य देखभाल सुधारों में परिवर्तित करेंगे।” उन्होंने छात्रों को अनुसंधान के लिए उपयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने पर भी जोर दिया। “एम्स न केवल कुशल शोधकर्ता बल्कि ऐसे दूरदर्शी तैयार करने के लिए समर्पित है जो अपने कार्य को वास्तविक दुनिया के चिकित्सा विकास में परिवर्तित करने में सक्षम हों” प्रो. सिंह ने कहा।
ट्रांसलेशनल मेडिसिन विभाग की प्रमुख, डॉ. रुपिंदर कौर कंवर ने पाठ्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा “हमारा पाठ्यक्रम छात्रों को ट्रांसलेशनल अनुसंधान प्रक्रिया की समग्र समझ प्रदान करता है। हमारा लक्ष्य कुशल पेशेवर तैयार करना है जो बेंच और बेडसाइड के बीच की खाई को पाट सकें और अंततः रोगी देखभाल में सुधार में योगदान दे सकें।”
ट्रांसलेशनल मेडिसिन में एम.एससी. एक व्यापक कार्यक्रम है जो अंतर्विषयक दृष्टिकोणों को एकीकृत करता है, जिसमें बायोमेडिकल अनुसंधान, नैदानिक विज्ञान और स्वास्थ्य देखभाल नीति शामिल हैं। यह अभिनव पाठ्यक्रम चिकित्सा में रचनात्मकता और व्यावहारिक समाधानों को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो छात्रों को स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में भविष्य के लीडर के रूप में तैयार करता है। पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषताओं में अंतर्विषयक प्रशिक्षण, नवीनतम अनुसंधान और नवाचार, पर्याप्त नैदानिक सहयोग और अनुभवी बहुआयामी संकाय के मार्गदर्शन में सीखना शामिल है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को जटिल चिकित्सा चुनौतियों का सामना करने और भारत और उससे परे स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को आगे बढ़ाने में योगदान देने के लिए तैयार करना है।