सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स में 25 अगस्त से 8 सितंबर 2024 तक “राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा” मनाया जा रहा है। यह वार्षिक अभियान नेत्रदान के महत्त्व के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आँखें दान करने को प्रेरित करता है। एम्स के कार्यपालक प्रो. अजय सिंह ने कहा, “नेत्रदान सबसे बड़ा दान है। ये किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन को रौशनी से भर देता है, एक नया उजाला देता है। एम्स में, हम न केवल विश्व-स्तरीय नेत्र चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि जनता को नेत्रदान के महत्त्व के बारे में शिक्षित करने के लिए भी समर्पित हैं। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि वे अपनी आँखें दान करने का संकल्प लें और इस जीवन-परिवर्तनकारी कार्य में योगदान दें। साथ मिलकर, हम अंधत्व के खिलाफ इस संघर्ष में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। एम्स में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सेवाएं और एक पूरी तरह से कार्यशील नेत्र बैंक मौजूद है, जहाँ लेमेलर कॉर्नियल ट्रांसप्लांट जैसी उन्नत प्रक्रियाएँ की जाती हैं, जिसमें केवल प्रभावित कॉर्नियल परत को बदला जाता है, जिससे बेहतर चिकित्सीय परिणाम प्राप्त होते हैं।”
अंधत्व एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कॉर्नियल रोग दृष्टिहीनता और अंधत्व के प्रमुख कारणों में से एक हैं। एम्स के नेत्र विज्ञान विभाग की प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, डॉ. भवना शर्मा ने नेत्रदान के महत्त्व पर जोर देते हुए कहा, “हमें सभी को आगे आकर नेत्रदान के इस महत्वपूर्ण कार्य को पूर्ण समर्थन देना चाहिए और इसके बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। एम्स में, हम सुपर-स्पेशलिटी नेत्र चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो सभी वर्गों के मरीजों के लिए सुलभ और किफायती होंगी।” डॉ. शर्मा ने राष्ट्रीय अंधत्व एवं दृष्टि विकार नियंत्रण कार्यक्रम (NPCB&VI) के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा “हम ‘नेत्रदान पखवाड़ा’ के दौरान नेत्रदान के प्रति जागरूकता फैलाने और समाज में व्याप्त मिथकों को दूर करने की उम्मीद करते हैं, जो आज की जरूरत है।”
एम्स में मोतियाबिंद, बचपन के नेत्र रोग, ट्रॉमा, रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमेच्योरिटी (ROP), डायबिटिक रेटिनोपैथी, और जटिल रेटिनल विकारों जैसी समस्याओं का इलाज किया जाता है। पखवाड़े के दौरान, नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं जिनमे, नेत्रदान पर पोस्टर और बैनर का प्रदर्शन, स्वास्थ्य वार्ताएं, नेत्रदान की शपथ दिलवाना, ग्रामीण इलाकों में में नेत्र जांच और नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं ।