सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में एम्स भोपाल के सेंटर ऑफ प्रिसीजन मेडिसिन द्वारा विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम और कार्यशाला का आयोजन किया गया। “कैंसर देखभाल में प्रिसीजन मेडिसिन के माध्यम से प्रगति” विषय पर आधारित इस कार्यक्रम में वैश्विक ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञों ने कैंसर के इलाज में प्रिसीजन ऑन्कोलॉजी को आगे बढ़ाने पर गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम ने एम्स भोपाल की कैंसर देखभाल में नवोन्मेषी शोध और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

दिनभर चले इस आयोजन में प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय ऑन्कोलॉजिस्ट शामिल हुए, जिनमें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के श्रीधर गणेशन ने क्लिनिक में कैंसर की क्लोनल डायनेमिक्स की निगरानी पर और यूनिवर्सिटी ऑफ केंटकी के विवेक एम. रंगनेकर ने कैंसर थेरेपी प्रतिरोध को दूर करने पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए।
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण क्षण एम्स भोपाल और ग्लोबल कैंसर कंसोर्टियम (जीसीसी) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर था, जिसमें जीसीसी दक्षिण एशिया चैप्टर की सचिव ज्योति कोडे और सदस्य महादेव राव की विशेष उपस्थिति रही। यह समझौता कैंसर अनुसंधान और उपचार में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।कार्यपालक निदेशक सिंह ने कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “यह पहल हमारे संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमने 3D ऑर्गेनॉयड्स और उन्नत रेडिएशन थेरेपी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को कैंसर देखभाल में शामिल कर भारत में कैंसर उपचार के दृष्टिकोण को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।”
निदेशक सैकत दास ने क्लिनिकल प्रैक्टिस में प्रिसीजन ऑन्कोलॉजी की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। दोपहर के सत्र में दो कार्यशालाएं आयोजित की गईं – सैकत दास और विपिन खरादे के नेतृत्व में हाई प्रिसीजन रेडिएशन ऑन्कोलॉजी पर, तथा नेहा आर्या द्वारा प्रिसीजन ऑन्कोलॉजी में 3-डी ऑर्गेनॉयड/स्फेरॉइड प्लेटफॉर्म के सिद्धांतों और अनुप्रयोगों पर। आयोजन समिति के अध्यक्ष देबासिस बिस्वास, सचिव दीप्ति जोशी व सैकत दास के नेतृत्व में यह कार्यक्रम सिद्धांत व प्रायोगिक ज्ञान को जोड़ने और प्रिसीजन ऑन्कोलॉजी में एम्स भोपाल की अग्रणी भूमिका स्थापित करने में सफल रहा।

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