सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह संकाय और छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता और ज्ञान-साझाकरण की संस्कृति को सदैव बढ़ावा देते रहते हैं। प्रो. सिंह से प्रेरित होकर संकाय सदस्य विभन्न शोध कार्यों में असाधारण प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी इस लगन को देश-विदेश के विभन्न मंचों पर सराहना के साथ-साथ सम्मान भी मिल रहा है। हाल ही में एम्स भोपाल के वरुण मल्होत्रा और उनकी टीम को फिजियोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध योगदान के लिए प्रतिष्ठित इंस्टिट्यूट ऑफ स्कॉलर्स (InSc) रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार शरीर क्रिया विज्ञान के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देता है, और उनका शोध मायमेनसिंह मेडिकल जर्नल (जुलाई 2024) में प्रकाशित हुआ है।
निदेशक सिंह ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर टीम को बधाई देते हुए कहा, ” InSc रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड 2024 हमारे शोधकर्ताओं की समर्पण और मेहनत का प्रमाण है। मल्होत्रा और उनकी टीम के अध्ययन को मिली यह मान्यता पारंपरिक प्रथाओं जैसे कपालभाति प्राणायाम और आधुनिक व्यायाम तकनीकों के प्रभावों को समझने के महत्व को उजागर करती है। हम एक ऐसा शोध वातावरण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो निरंतर नवाचार और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करता है।”
यह शोध एम्स भोपाल में किया गया जिसका शीर्षक, “व्यायाम और कपालभाति प्राणायाम के हृदय दर परिवर्तनशीलता और मस्तिष्क तरंग गतिविधि पर प्रभावों का तुलनात्मक विश्लेषण” था। इसमें यह पाया गया कि दोनों ही विधियों से मस्तिष्क की गतिविधि बढ़ती है, लेकिन कपालभाति का प्रभाव अधिक गहरा है। साथ ही, व्यायाम से हृदय दर परिवर्तनशीलता में कमी देखी गई, जबकि कपालभाति का प्रभाव हल्का रहा। इस शोध में वरुण मल्होत्रा, राकेश जिवाने, और फ्रेडरिको सिड्रल-फिल्हो ने मिलकर कार्य किया, और उनकी सामूहिक विशेषज्ञता ने इस अध्ययन की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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