सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह, संकाय और छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता और ज्ञान-साझाकरण की संस्कृति को सदैव बढ़ावा देते रहते हैं। उनके मार्गदर्शन में, एम्स ने विभिन्न शैक्षणिक मंचों पर उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। विभिन्न सम्मेलनों और कार्यशालाओं में संकाय सदस्यों की भागीदारी न केवल उनके कौशल को बढ़ाती है बल्कि उन्हें नवीनतम प्रगति के साथ अद्यतन भी रखती है। हाल ही में, एम्स के मेडिकल ऑकोलॉजी एवं हेमेटोलॉजी विभाग की डॉ आकांक्षा चौधरी ने मुम्बई में फेफड़ों के कैंसर पर आयोजित 7वीं मास्टर क्लास में व्याख्यान दिया। यह कार्यक्रम मुंबई में कैंसर सांख्यिकी और अनुसंधान फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में देश भर से कैंसर विशेषज्ञ सम्मिलित हुए थे।
डॉ. आकांक्षा ने “मैनेजमेंट ऑफ एक्सिटेंसिव डिज़ीज़-स्मॉल सेल लंग कैंसर” विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ आकांक्षा ने बताया कि फेफड़ों का कैंसर भारत में चौथा सबसे सामान्य कैंसर है। यह दो प्रकार का होता है- नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर जो कि सभी फेफड़ों के कैंसर का 85% हिस्सा है तथा स्मॉल सेल लंग कैंसर जो कि सभी फेफड़ों के कैंसर का 15% है जो कि धूम्रपान से जुड़ा है और यह बहुत गंभीर होता है।
एम्स के प्रोफेसर सिंह का मानना है कि फेफड़ों के कैंसर से संबंधित दूसरी पंक्ति की दवाओं और साथ ही नई दवाओं के जल्द ही भारत में उपलब्ध होने से छोटे सेल फेफड़ों के कैंसर वाले रोगियों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा।