सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के नेतृत्व में, संस्थान ने शोध और चिकित्सा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं। उनके मार्गदर्शन में एम्स भोपाल के ट्रांसलेशनल मेडिसिन विभाग की पीएचडी छात्रा सुश्री कश्मी शर्मा ने 5वें साइंस एनक्लेव कम नेशनल बायोमेडिकल रिसर्च कॉम्पिटिशन में यंग रिसर्चर अवार्ड जीतकर संस्थान को गौरवान्वित किया। यह कार्यक्रम नई दिल्ली में आयोजित किया गया। ट्रांसलेशनल मेडिसिन एवं इन्फेक्शियस डिजीज लैबोरेटरी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मेघा कतारे पांडे के मार्गदर्शन में कार्य कर रही सुश्री कश्मी को उनके शोध के लिए बेस्ट पोस्टर प्रेजेंटेशन अवार्ड और ₹5,000 का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
इस उपलब्धि पर बात करते हुए, प्रो. सिंह ने कहा: “सुश्री कश्मी शर्मा और उनकी टीम की इस उपलब्धि से एम्स भोपाल के शोधकर्ताओं के असाधारण योगदान को रेखांकित किया गया है। एनबीआरकॉम-2024 जैसे कार्यक्रम युवा शोधकर्ताओं को अपने काम को प्रस्तुत करने का एक प्रतिष्ठित मंच प्रदान करते हैं। यह नवाचार और अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देता है, जो स्वास्थ्य देखभाल के परिणामों को बदलने में महत्वपूर्ण है। कश्मी शर्मा के शोध का शीर्षक था: ” रिस्क ऑफ ह्यूमन पर्वोवायरस B19 ट्रांसमिशन इन निओनेटल इंटेंसिव केयर: इनसाइट्स फ्रॉम ऐन एक्सप्लोरेटरी स्टडी आन सेप्सिस एंड ब्लड ट्रांसफ्यूज़न।” यह शोध जीएमसी भोपाल के साथ सहयोग में और सह-लेखकों रोहन श्रीवास्तव, सोमेश मिश्रा, और ट्रांसलेशनल मेडिसिन की प्रमुख रुपिंदर के. कंवर के साथ किया गया।
यह अध्ययन स्वास्थ्य विज्ञान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नवजात देखभाल में वायरल संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह शोध संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने और नवजात शिशुओं के परिणामों को सुधारने में मदद करेगा।
एम्स भोपाल की अन्य छात्राओं सुश्री जेबा जिवा खान और सुश्री पूनम परिहार ने भी फ्लाई ऐश के पशु मॉडल पर प्रभाव पर अपने शोध प्रस्तुत किए, जो सम्मेलन में विज्ञान और नवाचार पर आधारित चर्चाओं में योगदान देते हैं। एनबीआरकॉम-2024 सम्मेलन का आयोजन एम्स नई दिल्ली और जेएनयू, नई दिल्ली द्वारा सोसायटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स (SYBS इंडिया) के तहत किया गया। यह सम्मेलन एक प्रतिष्ठित मंच है, जो बायोमेडिकल अनुसंधान में अंतःविषय सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देता है। इस कार्यक्रम में तकनीकी सत्र और पोस्टर प्रस्तुतियां शामिल थीं।
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