सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में, बायोकैमिस्ट्री विभाग द्वारा आयोजित भारतीय जैव चिकित्सा विज्ञान अकादमी के XIII वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘IABSCON 2025’ का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस सम्मेलन ने वैज्ञानिक चर्चाओं, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और नवीनतम शोध प्रस्तुतियों के द्वारा स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोले। इस मंच ने कैंसर जीवविज्ञान, प्रिसिजन मेडिसिन, इम्यूनोलॉजी, मेटाबोलॉमिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी, और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समेटते हुए, वैज्ञानिकों, उद्योग विशेषज्ञों और युवा शोधकर्ताओं को एक साथ लाने का कार्य किया।
सम्मेलन के अंतिम दिन के कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. विपुल बंसल (ऑस्ट्रेलिया) के व्याख्यान से हुई, जिसमें उन्होंने “नैनोजाइम्स और नैनोमैटेरियल्स का डायग्नोस्टिक्स और थेरेप्यूटिक्स में उभरता हुआ उपयोग” विषय पर प्रकाश डाला। अन्य प्रमुख वक्ताओं में प्रो. एंटोनियो चेउंग (ताइवान) ने बताया कि BIRC5 कैंसर कोशिकाओं में एक प्रमुख भूमिका निभाता है और इसके नियंत्रण से कैंसर उपचार में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं। प्रो. पीटर वान डी वुस्तिज्ने (नीदरलैंड्स) ने कहा कि उन्नत सर्जिकल तकनीकों से बच्चों में जन्मजात हृदय रोगों का उपचार अधिक प्रभावी और सुरक्षित हो सकता है। वहीं, एन. बी. रामचंद्र (मैसूर विश्वविद्यालय, भारत) ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में इस क्षेत्र में हुई प्रगति ने हृदय रोगों के जीन संबंधी कारणों को बेहतर तरीके से समझने में मदद की है।
अंतिम दिन कैंसर जीवविज्ञान, इम्यूनोलॉजी, नैनोबायोटेक्नोलॉजी, स्मार्ट बायोमटेरियल्स और प्रिसिजन मेडिसिन पर केंद्रित सत्र आयोजित किए गए। प्रमुख प्रस्तुतियों में प्रो. राकेश के. माजी (IIT कानपुर) ने “कैंसर इम्यूनोथेरेपी में आयन चैनलों और GPCRs की भूमिका” पर चर्चा की, अली अलीज़ादेह (ईरान) ने “व्यक्तिगत कैंसर उपचार के लिए AI-पावर्ड भविष्यवाणी मॉडलिंग” पर अपना शोध प्रस्तुत किया, और डेनिस शाशुरिन (रूस) ने “फोटॉन-काउंटिंग सीटी स्कैनिंग के लिए इम्प्लांटेबल सिस्टम्स का विकास” पर बात की। इंडस्ट्री से जुड़े सत्र में वाहिद वाली (एबॉट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) ने “फार्मास्युटिकल नवाचार और बायोमार्कर-आधारित थेरेपी” पर व्याख्यान दिया। इसके अलावा, IABS की जनरल बॉडी मीटिंग आयोजित की गई, जहाँ भविष्य की अनुसंधान योजनाओं पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक सिंह ने कहा, “IABSCON-2025 का यह सम्मेलन चिकित्सा और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे नवीन अनुसंधानों को एक साझा मंच प्रदान करता है। कैंसर, प्रिसिजन मेडिसिन और बायोमेडिकल इनोवेशन पर की गई चर्चाएँ चिकित्सा जगत के लिए नई दिशाएँ खोलेंगी। यह सम्मेलन न केवल शोधकर्ताओं और चिकित्सकों को लाभान्वित करेगा, बल्कि आम जनता को भी उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं के रूप में इसका लाभ मिलेगा।” सम्मेलन को कई प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा प्रायोजित किया गया, जिनमें जैव प्रौद्योगिकी विभाग (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार), अनुसन्धान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड, सीएसआईआर इंडिया, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और अन्य प्रमुख कॉर्पोरेट संस्थाएँ शामिल हैं।
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