सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में प्रसूति और स्त्री रोग विभाग द्वारा बेसिक एवं एडवांस्ड हिस्टेरोस्कोपी पर एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (छोटे चीरे द्वारा सर्जरी) में कौशल को बढ़ावा देना था। इस कार्यशाला में क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों और प्रतिभागियों ने हिस्टेरोस्कोपी के सिद्धांतों, तकनीकों और व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर गहन जानकारी प्राप्त किया। प्रो. सिंह ने इस कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “हिस्टेरोस्कोपी आधुनिक स्त्री रोग विज्ञान में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, और इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से हम स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को आवश्यक विशेषज्ञता प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।”
हिस्टेरोस्कोपी, गर्भाशय की समस्याओं का निदान और इलाज करने के लिए की जाने वाली एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमे एक पतली रोशनी वाली ट्यूब गर्भाशय में डाला जाता है। इस ट्यूब में एक कैमरा होता है, जिससे डॉक्टर गर्भाशय को करीब से देख सकते हैं। हिस्टेरोस्कोपी के ज़रिए, गर्भाशय के अंदर की जांच की जाती है और असामान्यताओं का पता लगाया जाता है।
इस कार्यशाला का आयोजन विभागाध्यक्ष के. पुष्पलता की देखरेख में किया गया। कार्यशाला की शुरुआत डॉ. भारती सिंह की “हिस्टेरोस्कोपी बेसिक्स और उपकरण” पर व्याख्यान से हुई, जिसने सफल प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक उपकरणों और तकनीकों को समझने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया। कार्यशाला का एक प्रमुख आकर्षण ऑपरेटिंग थिएटर से डायग्नोस्टिक और ऑपरेटिव हिस्टेरोस्कोपी के मामलों का लाइव ट्रांसमिशन था, जिसमें मिलिंद तेलंग, भारती सिंह, अरुण डोरा और अवंतिका गुप्ता की विशेषज्ञ टीम ने रियल टाइम में मामलों का प्रबंधन किया। सहायक एनेस्थीसिया टीम में ज़ैनब और हरीश शामिल थे। कार्यशाला के दौरान मिलिंद तेलंग ने “ऑफिस हिस्टेरोस्कोपी (सी एंड ट्रीट)” पर अपना व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने कार्यालय-आधारित हिस्टेरोस्कोपी की तकनीकों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। इसके बाद निदेशक अजय हल्दर ने “हिस्टेरोस्कोपी में फ्लूड प्रबंधन और इलेक्ट्रोसर्जरी के सिद्धांत” पर मार्गदर्शन दिया। निदेशक अरुण डोरा ने हिस्टेरोस्कोपी की जटिलताओं की विस्तृत व्याख्या की और निदेशक नीतू मिश्रा ने इसकी नवीनतम प्रगति पर चर्चा की। कार्यशाला का समापन प्रश्नोत्तर सत्र से हुआ, जिसके बाद सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। प्रतिभागियों ने स्किल लैब में हिस्टेरो ट्रेनर्स और सिमुलेटर्स का उपयोग करते हुए हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण लिया।
#एम्स_भोपाल #हिस्टेरोस्कोपी_कार्यशाला #मिनिमली_इनवेसिव_सर्जरी