सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स भोपाल अपने कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के नेतृत्व में चिकित्सा क्षेत्र में ज्ञान और वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में, शरीर क्रिया विज्ञान विभाग के सुनील चौहान ने हाल ही में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (UPUMS), सैफई, इटावा में आयोजित “UPUMS2025” कार्यक्रम में एक विशेष व्याख्यान दिया। यह व्याख्यान “एच रिफ्लेक्स” विषय पर आधारित था, जो स्नायु तंत्र (नर्वस सिस्टम) की कार्यप्रणाली को समझने में मदद करता है। यह विषय चिकित्सा जांच और अनुसंधान दोनों के लिए बहुत उपयोगी है। प्रो. चौहान ने विद्यार्थियों, सीनियर रेजिडेंट्स और फैकल्टी सदस्यों को इस तकनीक के सिद्धांत, इसके चिकित्सकीय उपयोग और हाल ही में इसमें हुई प्रगति के बारे में बताया। उन्होंने यह भी समझाया कि यह तकनीक नर्व कंडक्शन स्टडीज में कैसे मदद करती है और कैसे यह न्यूरोफिजियोलॉजी के अध्ययन को और बेहतर बना रही है।
प्रो. चौहान ने युवाओं को नई रिसर्च तकनीकों को अपनाने और इनोवेशन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उनका व्याख्यान विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच वैज्ञानिक सोच और रिसर्च के प्रति रुचि को बढ़ावा देने वाला रहा। उन्होंने यह भी बताया कि इन तकनीकों की भूमिका जटिल न्यूरोमस्कुलर (तंत्रिका-पेशीय) विकारों के निदान में दिन-ब-दिन अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है। इस कार्यक्रम में एम्स भोपाल के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग की टीम ने भी हिस्सा लिया, जिसमें शामिल थे – कीर्ति जायसवाल, डॉ. एस. भूनिया, श्री ए.एन.जी. हैदर, डॉ. प्रवेश जायसवाल, डॉ. अमिता सिंह, सीनियर रेजिडेंट्स और पोस्टग्रेजुएट छात्र। कार्यक्रम का समापन विभागाध्यक्ष अमित कांत सिंह द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने व्याख्यान की सराहना की और कहा कि आज के दौर में नई तकनीकों का उपयोग चिकित्सा शिक्षा और जटिल रोगों के इलाज में बेहद जरूरी हो गया है। इस अवसर पर प्रो.अजय सिंह ने कहा, “ऐसे शैक्षणिक कार्यक्रम और विशेषज्ञों के बीच संवाद से युवा डॉक्टरों की सोच वैज्ञानिक बनती है। प्रो. सुनील चौहान का व्याख्यान इसका एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे मिलकर काम करने से ज्ञान बढ़ता है और मेडिकल शिक्षा में सुधार होता है।”
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