सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में, संस्थान में “केयर फॉर रेयर: टुगेदर वी विन” नामक एक महत्वपूर्ण सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया था।
इस आयोजन का उद्देश्य राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति (NPRD) 2021 को प्रभावी ढंग से लागू करना और देश भर में दुर्लभ रोगों के निदान और उपचार में सुधार करना था। इस सीएमई कार्यक्रम ने चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को एक मंच पर लाने का कार्य किया। इस कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें NPRD 2021 के कार्यान्वयन की रणनीतियां, दुर्लभ रोगों के लिए उन्नत निदान और स्क्रीनिंग विधियाँ, अस्पतालों को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में मान्यता देने के मानदंड, राष्ट्रीय दुर्लभ रोग सूचना पोर्टल्स का विकास, और मरीजों के समर्थन के लिए क्राउडफंडिंग प्लेटफार्मों का समावेश शामिल था।
निदेशक सिंह ने दुर्लभ रोगों की चुनौती को रेखांकित करते हुए कहा, “दुर्लभ रोग भारत में लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में जागरूकता और विशेषज्ञता की कमी के कारण अक्सर इनका सही समय पर निदान नहीं हो पाता है। यह सीएमई कार्यक्रम NPRD 2021 के कार्यान्वयन की दिशा में यह पहल अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इससे हमारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की क्षमताएं और मजबूत होंगी।” कार्यक्रम की सलाहकार समिति में रजनीश जोशी (डीन एकेडमिक्स), प्रो. रेहान उल हक (डीन रिसर्च) और शशांक पुरवार (मेडिकल सुपरिटेंडेंट) शामिल थे। आयोजन समिति में बर्था रथिनम (प्रमुख, शरीर रचना विज्ञान विभाग), शिखा मलिक (प्रमुख, बाल चिकित्सा विभाग), और वैशाली वाल्के (प्रमुख, पैथोलॉजी और लैब मेडिसिन विभाग) जैसे प्रतिष्ठित संकाय सदस्य शामिल थे। कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ताओं के सत्र, पैनल चर्चा और इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किए गए, जिन्होंने प्रतिभागियों को एक गतिशील शिक्षण वातावरण प्रदान किया।

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