भोपाल । करीब छह साल पहले सरकार ने प्रदेश के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, गैंगमेन श्रमिकों, कुशल श्रमिक मालियों को नियमित कर सारी सुविधाएं देने का आदेश दिया था, लेकिन कई विभागों ने इसका पालन नहीं किया। इससे कर्मचारियों में रोष है। इसको देखते हुए मप्र कर्मचारी मंच ने आठ सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
मप्र कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडेय ने बताया कि राज्य सरकार ने 7 अक्टूबर 2016 को दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थायीकर्मी के पद पर नियुक्ति देते हुए नियमित वेतनमान, महंगाई भत्ता देने, वेतनवृद्धि तथा ग्रेच्युटी देने के निर्देश जारी किए थे। साथ ही चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियमितीकरण करने हेतु समिति का गठन किया है लेकिन उक्त आदेश का पालन आज दिनांक तक कई विभागों द्वारा नहीं किया गया है। इस कारण प्रदेश के 48000 दैवेभो कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि मप्र कर्मचारी मंच मुख्यमंत्री से ज्ञापन के माध्यम से मांग करता है कि प्रदेश के स्थायी कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के ज्वलंत मांगों का त्वरित निराकरण करने की कृपा करें।
कर्मचारियों की मांगे पूरी की जाए
मप्र कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप 8 सूत्रीय मांगों को रखा है। पांडेय ने मांग की है कि कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण किया जाए। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश के समस्त स्थायीकर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए। प्रदेश के स्थाई कर्मियों को ग्रेच्युटी का लाभ शासकीय कर्मचारी के समान दिया जाए। प्रदेश के शासकीय, अद्र्धशासकीय विभागों में कार्यरत समस्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायीकर्मी के रूप में विनियमित किया जाए। प्रदेश के स्थायीकर्मियों को तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी पदों पर नियमित किया जाए। प्रदेश के स्थायी कर्मियों को शासकीय कर्मचारी के समान सुविधाओं का लाभ दिया जाए। प्रदेश के स्थायी कर्मियों को अनुकंपा नियक्ति का लाभ दिया जाए। प्रदेश के स्थायी कर्मियों को परानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। प्रदेश के स्थायी कर्मियों के वेतन निर्धारण में की जा रही विसंगति को दूर किया जाए।