बेंगलुरु । कन्नड फिल्मों के लोकप्रिय सितारे पुनीत राजकुमार का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से बेंगलुरु के एक अस्पताल में निधन हो गया था। वह 46 साल के थे। उनकी मौत के बाद बेंगलुरु के अस्‍पतालों में लोगों की अधिक भीड़ देखने को मिल रही है।  श्री जयदेव इंस्‍टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्‍कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के ओपीडी विभाग में ऐसे मरीजों की भीड़ पहुंच रही है, जो अपने कार्डियोवैस्‍कुलर स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते हैं।

हस्‍सन जिले से 46 साल के नारायण अपने रिश्‍तेदार के साथ अस्‍पताल आए थे। उन्‍हें सीने में दर्द की शिकायत थी। उनको शक है कि उनके हृदय में कुछ गड़बड़ है। उनका कहना है एक्‍टर पुनीत राजकुमार की मौत के बाद मैं कोई भी चांस नहीं लेना चाहता। इसलिए मैं तुरंत 180 किमी का सफर करके अस्‍पताल आ गया। डॉक्‍टरों का भी कहना है कि उन्‍होंने एक्‍टर पुनीत की मौत के बाद अस्‍पतालों में मरीजों की बढ़ी संख्‍या देखी है। श्री जयदेव इंस्‍टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्‍कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के डायरेक्‍टर डॉ। सीएन मंजूनाथ का कहना है की पिछले 3 दिनों से अस्‍पताल में बड़ी संख्‍या में मरीज आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पहले हम एक दिन में करीब 1000 मरीजों को देख रहे थे। लेकिन अब इनकी संख्‍या रोजाना के हिसाब से बढ़कर 1800 तक हो गई है। इससे डॉक्‍टरों, नर्सों और स्‍वास्‍थ्‍य तंत्र पर दबाव पड़ा है। सिर्फ बेंगलुरु ही नहीं, पूरे कर्नाटक के अस्‍पतालों में ऐसे मरीजों की संख्‍या बढ़ गई है, जो कार्डिएक टेस्‍ट कराना चाहते हैं।

डॉक्टरों ने ओपीडी मरीजों को समझाने की कोशिश की कि हृदय संबंधी समस्याओं के लिए पारिवारिक इतिहास या कई लक्षण होने चाहिए। मणिपाल हॉस्पिटल के डॉ सुदर्शन बल्लाल ने कहा त्योहारों के मौसम के बावजूद कार्डियक ओपीडी में 20 से 25 फीसदी की वृद्धि हुई है। ज्यादातर कम उम्र के लोग हृदय संबंधी जांच के लिए कह रहे हैं। वहीं डॉ। मंजूनाथ ने कहा जिन लोगों में दिल के दौरे के पारिवारिक इतिहास जैसे कई जोखिम कारक हैं और जिन्हें हाई ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज, धूम्रपान और उच्च तनाव का स्तर है, उनकी जांच की जा सकती है और लोगों को यह समझना चाहिए कि हृदय संबंधी समस्याओं से संबंधित सीने में दर्द अलग होता है।