नई दिल्ली । भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी गतिरोध को लेकर जारी सैन्य वार्ता में एक बार फिर से चीन ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में डिसइंगेजमेंट के साथ-साथ देपसांग में ‘बेरोकटोक पेट्रोलिंग अधिकारों’ को बहाल करने की बात कही। इसके बाद ही सैनिकों की वापसी और पूर्वी लद्दाख सीमा से सटे क्षेत्रों में तनाव कम हो सकेगा। शनिवार को नौ घंटे तक चली कोर कमांडर स्तर की वार्ता के 12वें दौर के नतीजे के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
हालांकि, इस बात के संकेत हैं कि दोनों देश हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा-कोंगका ला क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से 15, 17 और 17ए से पैट्रोलिंग प्वाइंट पर रुकी हुई सैनिकों की वापसी को पूरा करने को लेकर सहमति के करीब हैं। एक सूत्र ने कहा, हालांकि, कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता है, जब तक कि दोनों प्रतिनिधिमंडल वापस नहीं आ जाते हैं। एक या दो दिन में संभावित संयुक्त बयान जारी किए जाने के साथ-साथ उनके संबंधित राजनीतिक-सैन्य पदानुक्रम द्वारा ठीक से समझा नहीं जाता है।
बैठक की अगुवाई भारत की तरफ से 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल पीजीके मेनन और चीन की तरफ से दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल लियू लिन ने की। यह बैठक चुशुल-मोल्डो सीमा प्वाइंट पर शनिवार को सुबह 10.30 बजे शुरू होने के बाद शाम 7.30 बजे समाप्त हुआ। सूत्रों ने कहा कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 15 महीने के सैन्य टकराव को हल करने के लिए डिसइंगेजमेंट, डी-इंडक्शन और डी-एस्केलेशन की सिक्वेंस प्रोसेस महत्वपूर्ण है। एक सूत्र ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग के मुद्दे उठाए। इसमें विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव भी शामिल थे। यदि तीनों पर समझौता हो जाता है, तो भारत सैनिकों को वापस बुला लेगा। इसकी शुरुआत पहले दो प्वाइंट से होगी। भारत की तरफ से फाइनल सहमति बिंदु अप्रैल 2020 के समय की यथास्थिति को बनाए रखना है।