वेलिंग्टन। कोरोना के कहर से पूरी दुनिया किस कदर दहशत में है इसका ताजा उदाहरण न्यूजीलैंड है। यहां 6 महीने बाद कोरोना का एक पॉजिटिव केस मिला है और इसके बाद सरकार ने सतर्ता बरतते हुए पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया है। इसके पहले न्यूजीलैंड में लोगों के बीच कोरोना का मामला आखिरी बार फरवरी में सामने आया था। ऑकलैंड शहर में एक व्यक्ति की कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हेल्थ मिनिस्ट्री को आशंका है कि जिस व्यक्ति को पॉजिटिव पाया गया है, उसमें डेल्टा वेरिएंट के लक्षण हो सकते हैं। यह सबसे ज्यादा खतरनाक वेरिएंट माना जा रहा है। लिहाजा ऑकलैंड में एक सप्ताह और देश के बाकी हिस्सों में तीन दिन का लॉकडाउन रहेगा।

प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कहा कि ऑकलैंड में लेवल-4 नियम लागू किए जा रहे हैं। इसके तहत कोरोना गाइडलाइन की सबसे सख्त शर्तें लागू होंगी। स्कूल, ऑफिस और कारोबार सभी बंद रहेंगे। जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी। पीएम जेसिंडा ने कहा- हमने इस तरह की चीजों के लिए पहले से तैयारी की है। अगर आप शुरुआत में ही सख्ती से नियम लागू करते हैं तो इसका फायदा होगा। यह हम पहले भी देख चुके हैं। संक्रमित व्यक्ति की उम्र 58 साल है। बताया जा रहा है कि वह बीते गुरुवार से बीमार है। टेस्ट के दौरान उसे पॉजिटिव पाया गया। उन 23 जगहों पर नजर ज्यादा रखी जा रही है, जहां यह व्यक्ति गया था। कोरोना पॉजिटिव पाया गया व्यक्ति ऑकलैंड के तटीय कस्बे कोरोमेंडेल भी गया था। इस कस्बे में सात दिन के लिए सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक, देश की सीमाओं पर हालिया हफ्तों में जो मामले सामने आए हैं, वे सभी डेल्टा वेरिएंट ही थे। पीएम ने कहा- हम देख चुके हैं कि बाकी जगहों पर इस वेरिएंट ने कितनी मुश्किलें पेश कीं। इसलिए हमारे पास एक ही मौका है जब हमें शुरुआत में ही संभल जाएं। न्यूजीलैंड की कोरोनावायरस महामारी को लेकर अपनाए गए सख्त स्टैंड की वजह से इसने वायरस को स्थानीय तौर पर फैलने से रोक दिया है। यही वजह है कि देश के नागरिक बिना किसी प्रतिबंध के कहीं भी आ जा सकते हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को बड़े स्तर पर बंद करके रखा गया है। अभी तक न्यूजीलैंड में करीब 2500 लोगों की कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और 26 लोगों की वायरस के संक्रमण के चलते मौत हुई है।