भोपाल । प्रदेश में करीब डेढ़ साल बाद मिडिल स्कूल खुलेंगे। इसकी निजी स्कूलों द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है। उधर सरकारी स्कूलों में भी विद्यार्थियों की सूची तैयार की जा रही है। वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने जिले के सभी शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि टीकाकरण के दोनों डोज लगवा लें। अगर किसी शिक्षक ने एक भी डोज नहीं लगवाया है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। भोपाल जिले में सरकारी व निजी स्कूलों में करीब 15 हजार शिक्षक हैं। इनमें से 95 फीसद से अधिक शिक्षकों ने टीका लगवा लिया है। डीईओ ने स्कूलों से टीकाकरण करवाने वाले शिक्षकों की सूची मांगी है। शनिवार को राजधानी के स्कूलों में मिडिल कक्षाओं की साफ-सफाई के साथ सैनिटाइज किया गया। बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 50 फीसद उपस्थिति के साथ प्राचार्यों को जिम्मेदारी दी है कि विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार बच्चों को बुला सकते हैं। इसके लिए अभिभावकों की सहमति अनिवार्य होगी। अभी तक नौवीं से बारहवीं तक सरकारी स्कूलों में 15 से 20 फीसद उपस्थिति हो रही है। वहीं, निजी स्कूलों में बसों का संचालन न होने से बच्चों की संख्या कम है। शासकीय सरोजनी कन्या उमावि में प्रायमरी, मिडिल और हायर सेकंडरी कक्षाओं को अलग-अलग भवन में लगाया जाता है। एक सितंबर से मिडिल की कक्षाएं शुरू करने के लिए सात कमरे तैयार किए जा रहे हैं। शनिवार को स्कूल को सैनिटाइज करने के साथ-साथ साफ-सफाई भी की गई। मिडिल में 260 छात्राएं और 9वीं से 12वीं तक में 1114 छात्राएं अध्ययनरत हैं। शासकीय कन्या उमावि, जहांगीराबाद में छठवीं से बारहवीं कक्षा के लिए 14 कमरे तैयार किए गए हैं। इनमें मिडिल में 350 और हायर सेकंडरी में 650 छात्राएं अध्ययनरत हैं। शनिवार को 50 फीसद छात्राओं के अभिभावकों को स्कूल भेजने के लिए बातचीत की गई। इसके अलावा कक्षाओं की साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन किया गया।ग्रुप में संदेश भेजे जा रहे हैं। शासकीय महात्मा गांधी उमावि में प्रायमरी, मिडिल, हाई व हायर सेकंडरी की सभी 28 कक्षाओं की साफ-सफाई की गई है। छठवीं से बारहवीं तक में 1137 बच्चे हैं। जिनके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। प्राचार्य हेमलता परिहार ने बताया कि अभिभावकों को ग्रुप में संदेश भेजे जा रहे हैं। निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों को सहमति पत्र भेजे जा रहे हैं। अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति ली जा रही है। एसोसिएशन ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स के उपाध्यक्ष विन्नी राज मोदी ने बताया कि अभी 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं लग रही हैं, लेकिन बस नहीं चलने के कारण बच्चों को स्कूल आने-जाने में परेशानी हो रही है। इस कारण छह सितंबर से बस की सुविधाएं भी शुरू होने वाली हैं। प्रदेश में एसोसिएशन से संबद्ध 20 हजार स्कूलों में छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। हर रोज सभी कक्षाओं को सैनिटाइज किया जाएगा। साथ ही 50 फीसद उपस्थिति के साथ कक्षाएं संचालित की जाएंगी। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल नितिन सक्सेना का कहना है ‎कि जिन शिक्षकों ने टीकाकरण नहीं कराया है, उनके लिए 45 हजार डोज आ रहे हैं। 30 अगस्त को शिविर का आयोजन कर सभी को टीका लगाया जाएगा। अगर कोई भी शिक्षक बिना टीकाकरण के स्कूल जाएगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।