इछावर । सर्द मौसम के साथ ही जिले के नदी-नालों व अन्य जलस्त्रोतों में पिकनिक मनाने व प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने विशेषकर साप्ताहिक अवकाश रविवार को लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। पर जरा सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। क्योंकि क्षेत्र में लोग खतरे के साये में पिकनिक मना रहे हैं। पूर्व में पिकनिक स्थलों पर कई बार दुर्घटनाएं घटित हो चुकी हैं। इन सबके बावजूद ऐसे स्थलों पर सुरक्षा के कोई बंदोबस्त नहीं हैं। रोकने-टोकने के लिए न कोई जिम्मेदार न चेताने के लिए पर्याप्त चेतावनी या संकेत बोर्ड लगाए गए हैं।
इछावर तहसील मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दूर कालियादेव में पिकनिक स्थल पर खासकर रविवार को भीड़ रहती है। इसके बावजूद पुलिसकर्मी या प्रशासन की ओर से कोई जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी यहां पर तैनात नहीं किए जाते। और यहां पर चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाए हैं। इसके अलावा यहां पर सुरक्षा के लिए रेलिंग भी नहीं बनाई गई है। जिसके कारण कई हाथसे हो चुके हैं। पर्यटन स्थल कालियादेव जहां न केवल सीहोर इछावर बल्कि भोपाल रायसेन आदि से भी लोग सपरिवार यहां पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। लेकिन यहां कोई व्यवस्था नही होने के कारण सेल्फी एवं फोटो व वीडियो शूटिंग के लिए लोग अपनी जान हथेली पर रखकर फोटो शूट करा रहे हैं। वहीं कालियादेव कुंड बहुत गहरा हैं। नहाने वालों के अचानक पैर फिसल जाने की वजह से वे कुंड की गहराई में चले जाते हैं। जब उन्हें बचाने के लिए सीहोर से टीम पहुंचती हैं तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
कालियादेव में न सांकेतिक बोर्ड न ही फेंसिंग
कालियादेव कुंड में हर साल किसी न किसी की जल समाधी हो रही है। पिछले वर्ष अगस्त में अपने दोस्तों के साथ घूमने एवं पिकनिक मनाने आये गंज निवासी निखिल राठौड़ की नहाने के लिए जैसे ही नदी में उतरा वह गहरे पानी में चला गया जहां डूबने से उसकी मौत हो गई। जिसका रेस्क्यू कर लगभग 48 घंटों में बहार निकाला था।
इस तरह 31 जुलाई रविवार को 45 वर्षीय रुबीना पत्नि अयूब निवासी इछावर अपने परिवार के साथ सीप नदी में उक्त स्थल पर पिकनिक मनाने गए हुए थे। बताया जाता है कि नहाने के दौरान रुबीना सेल्फी ले रही थी तभी अचानक पैर फिसल गया। और वह कुंड में गिर गई। जिससे उसकी मौत हो गईं थी। जिसका रेस्क्यू कर 26 घंटे के बाद रुबीना का सव बहार निकाला था। हादसे एक नजर में कई हादसों के बाद भी नहीं जागा रहा प्रशासन,पर्यटकों में बढ़ रही है नाराजगी।