मुंबई । अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने थर्ड-पार्टी मरीन सर्विसेज उपलब्ध कराने वाली लीडिंग भारतीय कंपनी ओसियन स्पार्कल में 100 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया है। एपीएसईजेड ने अपनी सब्सिडियरी अडानी हार्बर सर्विसेज के जरिए 1,530 करोड़ रुपए में यह अधिग्रहण किया है।
कंपनी ने मरीन सर्विस सेग्मेंट में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की रणनीति के हिसाब से यह डील की है। यह ट्रांजैक्शन एक महीने में पूरा होने की संभावना है।
एपीएसईजेड ओएसएल की 75 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 1,135।30 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी। इसके साथ ही एपीएसईजेड ओएसएल की 24।31 फीसदी हिस्सेदारी के परोक्ष अधिग्रहण के लिए 394।87 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी। यह ट्रांजैक्शन पूरा होने के साथ ही ओसीन स्पार्कल अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी हार्बर सर्विसेज की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बन जाएगी।
एपीएसईजेड के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक करण अडानी ने कहा ओएसएल और अडानी हार्बर सर्विसेज के तालमेल को देखते हुए कहा जा सकता है कि मार्जिन में सुधार के साथ अगले पांच साल में कॉन्सॉलिडेटेड बिजनेस डबल हो सकता है। इससे एपीएसईजेड के शेयरहोल्डर्स के लिए काफी जबरदस्त वैल्यू क्रिएट होगी। उन्होंने साथ ही कहा कि इस अधिग्रहण से कंपनी को अन्य देशों में अपनी मौजूदगी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
ओसीन स्पार्कल की शुरुआत 26 जुलाई 1995 को हुई थी। यह कंपनी पोर्ट ऑपरेशन्स और मैनेजमेंट सर्विस मुहैया कराती है। इनमें मरीन क्राफ्ट्स का टेक्निकल मैनेजमेंट भी शामिल है। भारत के अलावा ओएसएल की कारोबारी गतिवधियां श्रीलंका, सऊदी अरब, यमन, कतर और अफ्रीका में है।