सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: गौतम अडाणी और उनके समूह के खिलाफ अमेरिका में दर्ज रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। यह मामला न केवल भारत, बल्कि वैश्विक व्यापार और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। आइए जानते हैं इस केस के हर पहलू को विस्तार से।
अमेरिकी कोर्ट में मामला दर्ज
तारीख: 21 नवंबर 2024
अमेरिका के न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दर्ज अभियोग के अनुसार, अडाणी समूह पर आरोप है कि उन्होंने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी। साथ ही, अमेरिकी निवेशकों को गुमराह कर अपनी कंपनियों में निवेश के लिए प्रेरित किया।
क्या है आरोप?
- SECI सोलर प्रोजेक्ट:
2019-2020 के दौरान अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने SECI के तहत 12 गीगावॉट सोलर प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया। आरोप है कि यह कॉन्ट्रैक्ट गलत तरीकों और रिश्वतखोरी से जीता गया। - अमेरिकी निवेशकों का गुमराह होना:
अडाणी समूह पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिकी निवेशकों को अधूरी और गलत जानकारी देकर अपने शेयर खरीदने के लिए प्रेरित किया।
अमेरिका में मामला क्यों दर्ज हुआ?
अडाणी समूह की कंपनियां न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं और उन्होंने अमेरिकी निवेशकों से पैसा जुटाया।
अमेरिकी कानून:
Foreign Corrupt Practices Act (FCPA) के तहत, विदेश में भी रिश्वतखोरी एक गंभीर अपराध है।
अडाणी समूह की प्रतिक्रिया
अडाणी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि,
“हम सभी नियमों और कानूनों का पालन करते हैं। ये आरोप निराधार हैं और जांच का सामना करेंगे।”
हालांकि, सवाल यह उठता है कि अगर आरोप झूठे हैं, तो अमेरिकी कोर्ट ने मामला दर्ज क्यों किया?
अडाणी समूह पर प्रभाव
- शेयर बाजार में गिरावट:
इन आरोपों के चलते अडाणी समूह की सभी लिस्टेड कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट हुई। सिर्फ एक दिन में गौतम अडाणी की नेटवर्थ करीब 1 लाख करोड़ रुपए घट गई। - अंतरराष्ट्रीय डील्स पर असर:
केन्या ने अडाणी समूह के साथ अपनी डील रद्द कर दी।
पहले के विवाद
यह पहली बार नहीं है जब अडाणी समूह विवादों में घिरा हो।
- हिंडनबर्ग रिपोर्ट: अडाणी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप।
- कोयला हेराफेरी: सरकारी कोयला खदानों के अनुचित उपयोग का मामला।
- गोड्डा पावर प्लांट विवाद: स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद परियोजना को आगे बढ़ाया गया।
आगे की प्रक्रिया
अमेरिकी कोर्ट में यह मामला ‘अरेनमेंट स्टेज’ में है, जहां आरोपियों को आरोप पढ़कर सुनाए जाएंगे। अगर आरोप साबित होते हैं, तो गौतम अडाणी और अन्य अधिकारियों को सख्त सजा और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
यह मामला केवल अडाणी समूह तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निवेशकों के भरोसे और पारदर्शिता का मुद्दा है। ITDC News इस केस पर नजर बनाए रखेगा।
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