सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : ‘तस्वीर में नीले कुर्ते में दिखाई दे रहे शख्स एक्टर विवेक दहिया हैं। उनके साथ टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी हैं। दोनों ने 2016 में शादी की थी। विवेक ने ये है मोहब्बतें, कवच, नच बलिए जैसे टीवी शोज में काम किया है। 2023 में रिलीज हुई फिल्म चल जिंदगी में उन्होंने लीड रोल प्ले किया था।

विवेक का बचपन तो सामान्य बीता, लेकिन इससे आगे की जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ संघर्ष रहा। कम उम में ही उन्हें बार, टिश्यू पेपर फैक्ट्री में काम करना पड़ा। मुंबई गए तो तंगी ऐसी थी कि कई रात उन्होंने सिर्फ पारले जी बिस्किट खाकर गुजारी।

पढ़िए विवेक दहिया के संघर्ष की कहानी उन्हीं की जुबानी…

विवेक ने बताया कि उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का शौक था, मगर परिवार का माहौल ऐसा था कि ग्रेजुएट होने के तुरंत बाद वो एक्टर बनने का फैसला नहीं कर सकते थे। इस बारे में उन्होंने कहा, ‘मुझे बचपन से ही परफॉर्मेंस का कीड़ा था। घर हो या स्कूल, हमेशा लोगों को एंटरटेन करता था। कह सकते हैं कि मुझे हमेशा से लाइमलाइट में रहना पसंद था। हालांकि, तब कहीं भी एक्टर बनने का ख्याल नहीं था।

बढ़ती उम्र के साथ फिल्में देखने पर स्टार्स की लाइफ स्टाइल लुभाने लगी। हीरो के जैसे डांस, गाने और अजीबो-गरीब स्टंट करने का मन करने लगा, मगर यह बात घर में बताने की हिम्मत नहीं थी। पापा की सोच हमेशा से अलग थी। उनके लिए हरियाणा के एक गांव से निकलकर चंडीगढ़ में बतौर वकील खुद की पहचान बनाना आसान नहीं था। इस काम को करने में उन्हें 30-35 साल लगे थे।

यही वजह थी कि वो चाहते थे कि मैं आगे चलकर उनकी विरासत संभालूं और वकील बन जाऊं। वकील बनने के अलावा दूसरे ऑप्शन भी थे, लेकिन यह क्लियर था कि मैं ऐसी फील्ड में जाऊं जिसमें जॉब सिक्योरिटी हो। ऐसे में मैंने कुछ समय के लिए एक्टर बनने का ख्याल छोड़ दिया था।’

विवेक एक्टर बनने का ख्याल छोड़ मास्टर डिग्री के लिए इंग्लैंड चले गए थे। यहां उन्होंने डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट किया। विवेक का यह सफर भी आसान नहीं था। यहां पर भी उन्हें खुद की जीविका के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी।

इस सफर के बारे में विवेक ने कहा, ‘इंग्लैंड जाना भी मेरी ख्वाहिश थी और वहां का संघर्ष भी मेरा खुद का था। वहां पर मैंने पहली नौकरी टिश्यू पेपर फैक्ट्री में की थी। कंपनी में मेरी जॉइनिंग छोटे पद पर हुई थी, क्योंकि वहां का रूल था कि वो इंटरनेशनल लोगों को क्लाइंट फेसिंग जॉब पहले नहीं देते थे। उस कंपनी में मेरा काम टिश्यू पेपर गिनना होता था। मैं हर दिन रात में 5000 टिश्यू पेपर गिनता था। मैंने 2 महीने काम करने के बाद यह नौकरी छोड़ दी थी।

दूसरी नौकरी मैंने बार में की। वहां मेरी जॉइनिंग बार टेंडर के तौर पर हुई थी, लेकिन काम ग्लास कलेक्टर का मिला। जब पहले दिन पूरी रात फ्लोर पर गिरा हुआ ग्लास इक्ट्ठा किया तब कमर की हालत खराब हो गई। सीधा खड़ा भी नहीं हो पा रहा था, मगर मजबूरी थी इसलिए यह काम करता गया। गनीमत ये रही कि हफ्ते में सिर्फ शुक्रवार और शनिवार ही काम पर जाना होता था। ऐसे में शरीर को आराम मिल जाता था।

कुछ समय बाद यह नौकरी छोड़ मैंने तीसरी नौकरी रिटेल शॉप में की। यहां मुझे कपड़ों का साइज का लेबल लगाना था। यह काम बहुत आरामदायक था। फिर चौथी नौकरी कॉल सेंटर में की। इस नौकरी को छोड़ने का इरादा नहीं था, लेकिन करीब 3 साल बाद कंपनी ने सारे इंटरनेशनल लोगों की छंटनी कर दी, मेरी भी कर दी।