सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एक्टर विद्युत जामवाल और अर्जुन रामपाल नई फिल्म क्रैक के प्रमोशन के लिए नवाबों के शहर लखनऊ में आए। इस दौरान दोनों ने अपनी फिल्म और निजी जीवन को लेकर खुलकर बात की। दैनिक भास्कर से बात करते हुए विद्युत जामवाल ने कहा कि लखनऊ और यूपी की बात अलग है। उन्होंने कहा कि हमने अर्जुन को बताया कि तुम दिल्ली और जयपुर गए थे, अब लखनऊ देखो। यहां एक दिन के लिए वह पहले आए थे। विद्युत ने इंडस्ट्री के नेपोटिजम से लेकर हर सवाल पर अपनी बात रखी। जबकि अर्जुन ने बताया कि वह पिछले दिनों एक के बाद एक 8 फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त थे। पढ़ते हैं दोनों ही अभिनेताओं से हुई बात…

पहले विद्युत जामवाल से बात…

‘दुकानदार भी होता तो सभी साड़ियां बेच देता’

विद्युत से जब पूछा गया कि अगर आप एक्टर नहीं होते तो क्या होते। उनका कहना था कि वह जहां भी होते बहुत सही होते। यहां तक कि अगर वॉच मैन भी होते तो बहुत बढ़िया होता। दुकानदार भी होता तो सभी साड़ियां बेच देता। सिनेमा में नेपोटिजम के सवाल पर वह हंसने लगे। कहा कि वह भी अपने दोस्तों और ऐसे लोगों को काम देते हैं जो इंडस्ट्री से गायब है। बताया कि अपनी पिछली फिल्म में एनएसडी से निकले 30 कलाकारों को काम दिया था। वह अपना नेपोटिजम चला रहे हैं। लेकिन उसमें काम को प्राथमिकता है।

‘किसी की बॉयोग्राफी मिलेगी तो करना चाहेंगे’

विद्युत ने कहा कि फिटनेस का जीवन में होना बहुत महत्वपूर्ण है। आपकी बॉडी का आकर्षक होना ही नहीं, बल्कि आपकी मानसिक स्थिति का अच्छा होना जरूरी है। विषम परिस्थितियों में आपके फैसले लेने की क्षमता और किसी भी हाल में अनुशासित रहने की कला फिटनेस है। बताया कि उन्होंने ज्यादातर एक्टर के साथ काम नहीं किया है। अगर उनके साथ कोई भी काम करना चाहे तो वह कर लेगा, लेकिन कोई ऐसा नहीं है जिसके साथ वह काम करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि फिल्म के हिट या फ्लॉप के फेर में नहीं पड़ता, बस ये जानता हूं कि पूरी मेहनत के साथ काम करना है। किसी की बॉयोग्राफी मिलेगी तो करना चाहेंगे। हालांकि किसकी करना चाहेंगे, यह नहीं सोचा।

‘गेम खेलो लेकिन यह भी समझो कि करने के लिए बहुत चीजें हैं’

विद्युत ने कहा कि वह एक गेमर है। ऐसे में युवा पीढ़ी से यह नहीं कहेंगे कि वीडियो या ऑनलाइन गेम ने खेलो। खेलो, लेकिन यह भी समझो कि जीवन में करने के लिए और भी बहुत कुछ है। इसमें भी सीखने के लिए बहुत कुछ है। यह भविष्य है। बताया कि अपनी मां को भी इसकी आदत डाल दी है। इससे उनका फोकस बढ़ गया है। उनकी आंख और हाथ का ऑडिनेशन बढ़ गया है। एक उम्र के बाद यह करना मुश्किल होता है। लेकिन, उनको इसका फायदा हुआ। बस जानना है कि लाइफ में किसी चीज का कितना इस्तेमाल करना चाहते हैं। बताया कि उनकी फिल्म का गेम भी लॉन्च किया है।

‘खतरनाक सीन की शूटिंग करता हूं तो मां पूजा करती हैं’

विद्युत ने बताया कि फिल्म में दोस्तों के नाम पर वह अपना नाम रखते हैं। हर फिल्म में उनका जो नाम होता है, वह किसी न किसी दोस्त के नाम पर होता है। बताया कि जब वह फिल्म की शूटिंग करते हैं। खासकर खतरनाक सीन होता है तो उनकी मां घर के मंदिर में पूजा करती रहती हैं। शूटिंग खत्म होने के बाद पूछती हैं कि तुम ठीक हो।