सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्य प्रदेश में अब छात्रों की पढ़ाई पर AI रखेगा नजर! राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए घोषणा की है कि भोपाल के डेटा सेंटर और विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से अब छात्रों की शैक्षणिक कुंडली तैयार की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य छात्रों की पढ़ाई पर सटीक निगरानी रखना और उनकी शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाना है। आज हम जानेंगे कि कैसे भोपाल के डेटा सेंटर और विद्या समीक्षा केंद्र के ज़रिए छात्रों की शैक्षणिक कुंडली तैयार की जा रही है।** इस पहल के तहत, मध्य प्रदेश में 94 हजार स्कूलों और 1.31 करोड़ (13.1 मिलियन) बच्चों का डेटा दर्ज किया जाएगा। यह डेटा AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का उपयोग करके हर छात्र का मूल्यांकन करेगा, जिससे शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और सुधार की संभावनाएँ बढ़ेंगी।

AI आधारित मूल्यांकन:
हर छात्र की पढ़ाई का विश्लेषण AI द्वारा किया जाएगा, जिससे उनकी शैक्षणिक प्रगति का सटीक मूल्यांकन संभव होगा। यह तकनीक छात्रों की कमजोरियों और ताकतों को पहचानने में मदद करेगी, जिससे उन्हें व्यक्तिगत मार्गदर्शन मिल सकेगा।

स्कूलवार रिपोर्ट:
प्रत्येक स्कूल के लिए समग्र सुधार की संभावना पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह रिपोर्ट शिक्षकों और प्रशासन को छात्रों की प्रगति को समझने और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने में सहायता करेगी।

सेल्फ स्टडी में मदद:
छात्रों को उनके आत्म-अध्ययन (सेल्फ स्टडी) में मदद के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। AI द्वारा तैयार की गई शैक्षणिक कुंडली से छात्रों को यह जानकारी मिलेगी कि उन्हें किन विषयों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

भोपाल के इस डेटा सेंटर में 94 हजार स्कूलों और 1.31 करोड़ बच्चों का डेटा दर्ज होगा, जिससे AI हर छात्र का मूल्यांकन कर सकेगा।** यह पहल शिक्षा प्रणाली में तकनीकी सुधार लाने के साथ-साथ छात्रों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को समझने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

क्या AI से छात्रों की निगरानी सही है?** यह सवाल समाज में उठ रहा है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि AI का उपयोग शिक्षा में पारदर्शिता और सुधार लाने के लिए अत्यंत उपयोगी हो सकता है, जबकि अन्य चिंतित हैं कि इससे छात्रों की निजता पर प्रभाव पड़ सकता है।