सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। नए आदेश के तहत स्थायी रूप से नियुक्त शिक्षकों की मौजूदगी वाले स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। इस निर्णय का सीधा असर लगभग 70,000 अतिथि शिक्षकों पर पड़ सकता है।
सरकार के आदेश के मुताबिक, सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश जारी किया गया है कि यदि एक ही विषय में एक से अधिक अतिथि शिक्षक नियुक्त हैं, तो स्कोर कार्ड के आधार पर कम अंक प्राप्त करने वाले शिक्षक को हटाया जाएगा। इस प्रक्रिया में कम स्कोर वाले अतिथि शिक्षकों को स्कूल छोड़ना होगा।
शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया, “इस कदम का उद्देश्य शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार लाना और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है। स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने से शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी।”
अतिथि शिक्षकों ने इस फैसले पर mixed प्रतिक्रियाएँ दी हैं। कई शिक्षकों ने वर्षों से नियमितीकरण की मांग की थी, लेकिन अब उनकी नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। “हमने हमेशा से स्थायी रूप से नौकरी पाने की उम्मीद की थी, लेकिन अब इस निर्णय ने हमारी स्थिति को और कठिन बना दिया है,” एक प्रभावित अतिथि शिक्षक ने कहा।
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम शिक्षा प्रणाली में स्थायित्व लाने और शिक्षण गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हालांकि, इस निर्णय के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार को प्रभावित शिक्षकों के लिए वैकल्पिक योजनाएँ भी तैयार करनी आवश्यक होगी।
मध्यप्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में इस बड़े बदलाव के साथ, आने वाले समय में शिक्षकों और छात्रों दोनों पर इसके व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से लागू किया जाएगा।