सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल:  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। नई मुख्यमंत्री आतिशी ने शपथ ग्रहण की तारीख 21 सितंबर का प्रस्ताव रखा है।

जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन के बीच, केजरीवाल ने इस्तीफे के बाद सरकारी आवास छोड़ने का निर्णय लिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को सुरक्षा के मद्देनजर आवास न छोड़ने की सलाह दी थी, लेकिन वे नहीं माने।

17 सितंबर को AAP विधायक दल की बैठक में आतिशी को मुख्यमंत्री चुना गया था, जिसके बाद केजरीवाल ने अपना इस्तीफा सौंपा। संजय सिंह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि केजरीवाल पर कई बार हमले हो चुके हैं, और उनके माता-पिता के सामने भी सुरक्षा का सवाल उठ चुका है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले का रेनोवेशन हाल ही में किया गया था, जिसमें 52.71 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। AAP की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने बताया कि पुराने बंगले की छत तीन बार गिर चुकी थी, इसलिए रेनोवेशन जरूरी था।

आतिशी ने LG से शपथ ग्रहण की तारीख मांगी थी, और अब 26-27 सितंबर को दिल्ली विधानसभा का सत्र बुलाया गया है। आतिशी ने कहा कि उनका लक्ष्य अगले चुनाव में केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है।

संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल को जेल में रखा गया और उन पर झूठे आरोप लगाए गए। उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील की कि वे केजरीवाल को अगली बार मुख्यमंत्री बनाएं।

भाजपा ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि AAP के नेता केवल चेहरे बदल रहे हैं, लेकिन पार्टी के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता का ध्यान नहीं हटा सकेंगे।

इस बीच, केजरीवाल के इस्तीफे के बाद उनके राजनीतिक करियर पर भी चर्चा तेज हो गई है। वे अब हरियाणा विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जबकि झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों पर भी फोकस बनाए रखेंगे।

दिल्ली में AAP की स्थिति और चुनावी रणनीतियों पर नजर बनाए रखने के लिए राजनीतिक विश्लेषक तत्पर हैं।