भोपाल । आरम्भ चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर “आजादी अमृत महोत्सव” काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर से रचनाकारों ने देश भक्ति से ओतप्रोत रचनाओं का पाठ कर समां बांध दिया।

इस गरिमामय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती ममता श्रीवास्तव, विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध पर्वतारोही सुश्री अनीता शर्मा एवं अध्यक्ष के रूप में अनुपमा अनुश्री उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम में रचनाकारों ने देश भक्ति से सराबोर रचनाएँ सुना कर खूब वाहवाही लूटी।

डाॅ.माया दुबे ने “हम नौजवान देश के, आगे बढ़ते जाएंगे ” सुनाया।

डाॅ.ओरीना अदा ने “आजादी का जश्न है ,दिल बाग बाग है ” सुना कर सबका मन मोह लिया।

बिन्दु त्रिपाठी ने “सीमा पर जो डटे हुए हैं अपना सीना ताने, उनकी खातिर गाएंगे सुन्दर नए तराने “रचना पढ़ कर वाहवाही लूटी ,वहीं विजया रायकवार ने सचेत करते हुए कहा-ए मेरे मन जाना न उस ओर, जहांँ न कहे जाते हों वीरों के किस्से।

अमित मालवीय ने सुनाया “आओ बातें करें, भारत देश महान की।”

नीलिमा दुबे, कर्नाटक की पंक्तियाँ थी – “बात मेरे देश की ।

रेखा भटनागर -“वतन को स्वर्ग बनाना है ।”

श्यामा गुप्ता -“चलो मनाएंँ आज महोत्सव ”

आशीष जैन, जबलपुर से  _ “आजादी के नारों से गूंँज उठा है सारा अर्णव ”

शेफालिका श्रीवास्तव   -“मेरा देश प्यारा देश ”

शोभा ठाकुर , सिंगापुर से -“आजादी के क्रांतिवीर दीवाने”

साधना मिश्रा, लखनवी  -“अन्तर्मन का द्वंद्व मिटाती, ऐसी है भारत की धरती”

ऊषा सोनी  -“स्वर्णिम भारत अपना”

अंजनी शर्मा, हरियाणा – “वतन के रिपुओं पर ,पल पल रखता नजर वो…” सुना कर काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयांँ प्रदान की।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ने अपने उद्बबोधन में आजादी की विरासत को सहेज कर रखने और महिलाओं को और अच्छा अवसर प्रदान किए जाने पर जोर दिया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अनुपमा अनुश्री ने आजादी का मूल्य और उसकी गरिमा का महत्व बतलाते हुए इसकी संघर्षपूर्ण यात्रा के विषय में प्रकाश डाला-“यूंँ तो भारत ने 75 वर्षों में विकास के तमाम सोपान तय किए हैं चंँद्रयान- मंगलयान तक।

सफलताओं की सीढ़ी निरंतर हम सभी चढ़ते रहें, पर संवेदनाओं की फसल को मुरझाने न‌ दें।

कर्मों में निष्ठा और ईमानदारी, यही तो है सच्ची देशभक्ति।

 

सिर्फ नाम की न बल्कि

सचमुच में सफाई हो

अंतर्मन की, बाहर की

अमृत घट बसेगा,

अच्छाइयों का जब

मानव मन में,

शुभ कर्मों के बीज

उगेंगे जीवन में,

तभी तो खिलेंगे,

आजादी अमृतोत्सव के

फूल भारतीय उपवन में।

कार्यक्रम का संयोजन शेफालिका श्रीवास्तव ने और तकनीकी संयोजन अंजनी शर्मा, हरियाणा ने किया।

इस गरिमामय कार्यक्रम का सफल संचालन  कमल चंद्रा ने किया।

अंत में आभार प्रदर्शन शालिनी बड़ोले द्वारा किया गया।