सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बॉलीवुड इंडस्ट्री के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान आज 59 साल के हो चुके हैं। महज 8 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत करने वाले आमिर ने 30 सालों के एक्टिंग करियर में 48 फिल्में की हैं, जिनमें से ज्यादातर सुपरहिट रही हैं। साल 2016 में रिलीज हुई आमिर की फिल्म दंगल आज भी भारत और हिंदी भाषा की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है। वहीं भारत की टॉप 10 फिल्मों में आमिर की 3 फिल्में शामिल हैं, जो एक रिकॉर्ड है।
हालांकि, ये मुकाम हासिल करना उनके लिए आसान नहीं रहा। आमिर के पिता ताहिर हुसैन एक फिल्म प्रोड्यूसर थे, जिन्हें बैक-टु-बैक फ्लॉप फिल्मों के चलते तंगहाली का सामना करना पड़ा था। यही वजह थी कि वो नहीं चाहते थे कि बेटा उनकी तरह फिल्मों में आए, लेकिन पिता से बगावत कर जब आमिर ने फिल्मों में जगह बनाई तो बदहाल हिंदी सिनेमा को मॉडर्न लव स्टोरी से नई उड़ान मिली।
आमिर ने अपने परफेक्शन से इंडस्ट्री में नई पहचान बनाई। कभी खुद फिल्म प्रमोशन के लिए सड़कों पर घूम-घूमकर पोस्टर चिपकाए, तो कभी एक सीन के लिए 12 दिनों तक नहाना ही छोड़ दिया।
आज आमिर के जन्मदिन के खास मौके पर पढ़िए उनके फिल्मी सफर की कहानी, उनके परफेक्शन के किस्सों के साथ-
14 मार्च 1965 को बॉम्बे (अब मुंबई) में जन्मे आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन एक जाने-माने फिल्म प्रोड्यूसर और चाचा नासिर हुसैन मशहूर डायरेक्टर थे। 4 भाई-बहनों में सबसे बड़े आमिर का पूरा नाम मोहम्मद आमिर हुसैन खान है। आमिर स्वतंत्रता सेनानी मौलाना आजाद और भारत के तीसरे प्रेसिडेंट जाकिर हुसैन के वंशज हैं। स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल कलाम आजाद भी उनके पूर्वज हैं। मणिपुर की 16वीं गवर्नर नजमा हेपतुल्ला, आमिर की सेकेंड कजन हैं।
8 साल में शुरू किया एक्टिंग करियर, पहली फिल्म में दिखा परफेक्शन का नमूना
आमिर खान के चाचा नासिर हुसैन ने इंडियन सिनेमा की पहली मसाला फिल्म फिल्म यादों की बारात (1973) डायरेक्ट की थी। इस फिल्म में उन्होंने आमिर खान को बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कास्ट किया था।
फिल्म के एक सीन के लिए आमिर को गिटार बजाना था, हालांकि 8 साल के आमिर को गिटार पकड़ते तक नहीं आता था। ऐसे में वो सेट पर कई घंटे गिटार बजाना सीखते थे। जब तक आमिर इसमें माहिर नहीं हो गए, तब तक नासिर हुसैन ने शूटिंग नहीं शुरू की।
ये फिल्म जबरदस्त हिट रही थी। आगे वो फिल्म मदहोश में भी बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नजर आए थे। स्कूल के दिनों में आमिर एक बेहतरीन टेनिस प्लेयर हुआ करते थे। उन्होंने स्टेट लेवल पर टेनिस खेला है, जबकि पढ़ाई में वो एवरेज थे।
साथ खेलने वाली लड़की से हुआ था पहला प्यार
आमिर खान स्कूल के साथ-साथ एक क्लब में भी टेनिस प्रैक्टिस किया करते थे। उस समय उन्हें साथ खेलने वाली एक लड़की से पहला प्यार हुआ था। दोनों साथ खेलते और आमिर, मन-ही-मन उससे एकतरफा प्यार करते थे। आमिर उससे इजहार कर पाते, उससे पहले ही वो लड़की अपने परिवार के साथ भारत छोड़कर चली गई।
इससे आमिर का दिल टूट गया, लेकिन फायदा ये रहा कि वो अच्छा टेनिस खेलने लगे। ये किस्सा आमिर खान ने लाल सिंह चड्ढा फिल्म के म्यूजिक लॉन्च इवेंट में बताया था।
फिल्में फ्लॉप होने से पिता हो गए थे कंगाल, कर्ज लेकर करते थे गुजारा
आमिर खान ने बचपन में गरीबी देखी है। शुरुआती कुछ हिट फिल्मों के बाद उनके पिता की कई फिल्में बुरी तरह फ्लॉप हो गई थीं, जिससे उनके सारे पैसे डूब गए थे। कुछ फिल्मों में पैसे लगाने के लिए उन्होंने लाखों का कर्ज भी लिया था, लेकिन फिल्में फ्लॉप होने से उन पर कर्ज बढ़ता चला गया।
आमिर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि रोजाना कर्ज लेने वाले करीब 30 साहूकारों का कॉल आता था। आमिर को डर लगा रहता था कि कहीं फीस न चुका पाने के चलते उन्हें स्कूल से न निकाल दिया जाए।
पिता नहीं चाहते थे फिल्मों में आएं आमिर, चोरी-छिपे की थी पहली फिल्म की शूटिंग
फिल्में बनाते हुए आमिर के पिता ताहिर हुसैन कंगाल हो गए थे, वो नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी बुरे दौर का सामना करे। यही वजह थी कि जब आमिर ने उनसे कहा कि वो फिल्मों में करियर बनाने के लिए फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में दाखिला लेना चाहते हैं, तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। पिता चाहते थे कि आमिर डॉक्टर या इंजीनियर बनें और फिल्मों से दूर रहें।
18वें जियो मियामी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में आमिर ने बताया था कि जब उन्होंने हीरो बनने की बात अपने घरवालों के सामने रखी, तो उनके पिता ताहिर हुसैन, चाचा यासिर हुसैन और मां, तीनों मिलकर उन्हें समझाने लगे। सबका कहना था कि ये प्रोफेशन बहुत रिस्की है। ऐसे में आमिर ने घरवालों से छिपकर FTII में दाखिला ले लिया और चोरी-छिपे डिप्लोमा करने लगे।
इसी बीच उन्हें दोस्त आदित्य भट्टाचार्या ने शॉर्ट साइलेंट फिल्म प्रोजेक्ट पेरानोइया में एक्टिंग करने का ऑफर दिया। फिल्म बनाने के लिए उनके दोस्त को फिल्ममेकर श्रीराम लागू ने चंद हजार रुपए दिए थे।
आमिर इस फिल्म के एक्टर थे, असिस्टेंट डायरेक्टर थे और स्पॉटबॉय भी थे। उन्हें पता था कि अगर ये बात उनके पिता को पता चलेगी, तो वो साफ इनकार कर देंगे, ऐसे में वो रोज घर पर ये कहकर निकलते थे कि वो हॉकी का मैच देखने जा रहे हैं और चोरी-छिपे फिल्म की शूटिंग करते थे।
40 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म की शबाना आजमी ने भी तारीफ की थी। इस फिल्म के बाद आमिर ने ठान लिया कि वो बतौर हीरो ही अपना करियर बनाएंगे, चाहे पिता खिलाफ ही क्यों न हों।