सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जो की दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बना चूका हे लेकिन क्या ये हमारे आने वाले भविष्य के लिए बेहतर साबित हो पायेगा क्युकी देखा जाये तो एआई किसी भी कार्य को कम से कम समय में करने की क्षमता रखता हे जो की आज के युवाओ के लिए चिंता का विषय भी बन गया हे
AI से बढ़ेगी बेरोजगारी
यद्यपि दोहराव वाली नौकरियों और अन्य प्रकार के कार्यों को एआई से प्रतिस्थापित करना किसी कंपनी के लिए लाभदायक है, लेकिन निस्संदेह इससे रोजगार पर भी असर पड़ेगा।पारंपरिक नौकरियाँ धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगी, जिससे उन्हें करने वाले लोग बेरोजगार हो जाएंगे। यद्यपि इसे प्रगति का संकेत माना जा सकता है, लेकिन इससे श्रमिकों को रोजगार के अनेक अवसर नहीं मिलेंगे जो कभी उपलब्ध थे।
गलत जानकारी फेलाने का रिस्क
AI चैटबॉट काफी कम समय में आपको किसी टॉपिक के बारे में लंबी चौड़ी डिटेल बता देते हैं. इंसानों के मुकाबले इस काम में एआई की स्पीड बहुत तेज होती है. AI का ये फीचर दुनियाभर में चल रही फेक न्यूज, गलत जानकारी जैसे मामलों में खतरनाक हो सकता है. हैकर्स इसका फायदा उठाकर गलत जानकारी फैला सकते हैं. इसका सबसे ज्यादा बुरा असर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पड़ेगा.
इसके अलावा कुछ AI प्लेटफॉर्म फोटो और वीडियो भी जनरेट सकते हैं. फेक न्यूज फैलाने के लिए इनका काफी शातिर तरीके से इस्तेमाल हो सकता है.
सिक्योरिटी का डर
साल 2020 की रिपोर्ट में साइबर सिक्योरिटी के लिए AI से मदद लेने की बात कही गई थी. इसमें कहा गया कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस इंसानों के मुकाबले तेजी से बड़े खतरों का पता लगा सकता है. इस हिसाब से एआई इंसानों की सिक्योरिटी के बारे में खुद समझेगा और इसे कंट्रोल करने के तरीके भी खुद ही ढूंढेगा. AI पर इस कदर निर्भर होना भी मुश्किलें ला सकता है.
बता दें सिक्योरिटी के डर की वजह से इटली ने ChatGPT को बैन कर दिया है. इसके बाद अब जर्मनी भी AI चैटबॉट को बैन करने की तैयारी में है.