सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: शहर में बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) पर चल रही आई-बस सेवा संकट में है। फ्लायओवर निर्माण कार्यों के चलते आई-बस का ट्रैवल टाइम दोगुना हो गया है, जिससे यात्री संख्या में भारी गिरावट आई है। पहले जहां प्रतिदिन 60 हजार यात्री आई-बस से सफर करते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 35 हजार रह गई है।
बीआरटीएस पर कुल 10 फ्लायओवर बनने हैं, जिनमें से तीन का निर्माण कार्य जारी है। इन निर्माण कार्यों के कारण बसों के ट्रैवल टाइम में दो से तीन गुना की बढ़ोतरी हो गई है, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है। इस बीच, देवासनाका और सत्यसांई चौराहे पर बनाए जा रहे फ्लायओवर का काम 2026 तक पूरा होगा।
2022 की तुलना में आई-बस सेवा 50 लाख रुपए के घाटे में चलाई जा रही है और यात्री संख्या 16.50 लाख से गिरकर 10.61 लाख पर आ गई है। आई-बस से सबसे अधिक सफर करने वाले छात्र हैं, जिनकी संख्या तेजी से घट रही है। पहले जहां हर तीन मिनट में बसें उपलब्ध होती थीं, अब बस स्टॉप पर 12 मिनट तक इंतजार करना पड़ रहा है।
विज्ञापन से आय पर संकट
डब्ल्यूआरआई इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर डॉ. देवल मिश्रा के अनुसार, बीआरटीएस पर विज्ञापन से एआईसीटीएसएल की आमदनी का 40 प्रतिशत हिस्सा आता है। यात्री संख्या कम होने से विज्ञापन आय पर भी संकट आ सकता है।
58 मिनट में पूरा हुआ 11 किमी का सफर
भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, देवासनाका से राजीव गांधी चौराहे तक का 11 किमी का सफर, जो पहले 30 मिनट में पूरा होता था, अब 58 मिनट में पूरा हो रहा है। यह देरी फ्लायओवर निर्माण कार्य और बसों को मिक्स लेन में डायवर्ट किए जाने के कारण हो रही है।
निगम कमिश्नर की सीधी बात
निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने बताया कि आई-बस की यात्री संख्या में गिरावट हो रही है, जिसे बढ़ाने के लिए मल्टी परपस पास लाने की योजना बनाई जा रही है। ट्रैवल टाइम को कम करने के लिए प्रयास जारी हैं, हालांकि बीआरटीएस को हटाने का फिलहाल कोई विचार नहीं है।