सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्यप्रदेश भारतीय वन प्रबंध संस्थान (आईआईएफएम), भोपाल द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आईजीएनएफए), देहरादून के संयुक्त तत्वावधान एक साप्ताहिक मिड-कैरियर प्रशिक्षण (एमसीटी-IV) “प्रबंधन मॉड्यूल” की शुरुआत की। उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि श्री असीम श्रीवास्तव, पीसीसीएफ और एचओएफएफ, मध्यप्रदेश विशिष्ट अतिथि श्री आरएससी जयराज, आईएफएस (सेवानिवृत्त) निदेशक आईआईएफएम डॉ. के. रविचंद्रन, पाठ्यक्रम निदेशक (आईजीएनएफए) डॉ. एम. सुधारकर,डीन आईआईएफएम डॉ. मनमोहन यादव, अध्यक्ष (एमडीपी) आईआईएफएम डॉ. सी पी काला उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समन्वयन आईआईएफएम की कार्यक्रम निदेशक डॉ. अनुपमा सिंह ने किया।
अपने उद्घाटन भाषण में, श्रीवास्तव ने सफल वन संरक्षण योजनाओं, प्रभावी वन अग्नि नियंत्रण एवं ग्राम पुनर्वास के लिए किये गए प्रयासों सहित मध्यप्रदेश वन विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने एमसीटी कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी ज्ञान को बढ़ाता है, बल्कि विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के साथ जुड़ने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लें, परिचालन नीतियों को साझा करें और अपने राज्य की नीतियों में सर्वोत्तम प्रथाओं को एकीकृत करने का प्रयास करें।” अधिकारियों को संबोधित करते हुए, श्री जयराज ने अधिकारियों को वर्तमान वानिकी परिदृश्यों का विश्लेषण करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, विशेष रूप से खाद्य-आधारित लकड़ी के महत्व और वनों के मूल्यांकन पर जोर देने पर चर्चा की
मिड-कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्यकता पर जोर देते हुए भारतीय वन प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. के. रविचंद्रन ने कहा, “वनपाल के रूप में, हम देश के 24% भूमि क्षेत्र के संरक्षक हैं और आई आई ऍफ़ एम् को संरक्षकों को संवेदनशील बनाने के लिए यह अधिदेश दिया गया है। जिसके अंतर्गत आई आई ऍफ़ एम् ने इस क्षेत्र तथा इसके हितधारकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एवं उन्हें संवेदनशील बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर लिया है, और इसके अंतर्गत संसथान द्वारा वर्तमान वर्ष एम.सी.टी एवं पी.एस.यु.सी कार्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है।”
कार्यक्रम के पहले दिन आईआईएम बैंगलोर के प्रो. पी.डी. जोस द्वारा “नेतृत्व”, विश्वविद्यालय की डीन प्रो. रेखा सिंघल द्वारा योग्यता-आधारित कार्मिक प्रबंधन – सक्षम वातावरण का निर्माण और केरल वन विभाग के पूर्व पीसीसीएफ श्री ए.के. धारणी द्वारा संचार में बाधाओं जैसे विषयों पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिए गए।
इस सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के सत्र शामिल हैं, जिसमें भावनात्मक बुद्धिमत्ता और टीम निर्माण, सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली, वित्तीय प्रबंधन – बजट और योजना, मिशन लाइफ, सकारात्मकता का विज्ञान; नेतृत्वकर्ताओं के लिए खुशी; तनाव प्रबंधन और सकारात्मक सोच; रणनीतिक और परिदृश्य योजना; सुशासन और मानवीय मूल्य; डिजिटल प्रौद्योगिकी और संसाधन प्रबंधन और वित्त प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को भीमबेटिका, उदयगिरि और आईजीआरएमएस-राष्ट्रीय मानव संग्रहालय सहित राज्य की विश्व धरोहर स्थलों का भ्रमण भी करवाया जायेगा।