भोपाल । अचानक शादी रोकने से आदिवासी समुदाय के  91 वर-वधू के अरमानों पर पानी  फिर गया। अब इस मामले में राजनीति शुरु हो गई है। कांग्रेस ने  जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है। यह पूरा मामला है प्रदेश के छिंदवाडा जिले का। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के नियम में बदलाव के चलते जिले की एक ग्राम पंचायत में आदिवासी समुदाय के 91 जोड़ों की सामूहिक शादी रद्द हो गई है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ओकते ने कहा कि इस लापरवाही में जिम्मेदार सभी लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

गौरतलब है कि ग्राम पंचायत भाजी पानी में ग्राम पंचायत ने अपने स्तर पर 91 जोड़ों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह के लिए तैयार किया था और 19 अप्रैल को शादी का कार्यक्रम भी तय हुआ था, लेकिन कार्यक्रम कैंसिल करना पड़ा। ग्राम पंचायत भाजी पानी में आदिवासियों का कार्यक्रम कोया पुनेम सत्य ज्ञान का आयोजन 14 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच किया गया था। इसी में 19 अप्रैल को सामूहिक विवाह का आयोजन रखा गया था, जिसके लिए 91 जोड़े तैयार किए गए थे।

इन जोड़ों से 500 रुपये की रजिस्ट्रेशन फीस भी ली गई थी, ग्राम पंचायत सरपंच ने कहा था कि सभी जोड़ों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ मिलेगा। गांव में शादी का मंडप सज चुका था, दुल्हन को हल्दी लग चुकी थी और भोजन भी तैयार था। सिर्फ कुछ रस्‍में बाकी थी कि अचानक परिजनों को सरपंच का फोन आया कि शादी समारोह नहीं हो सकता।

यह सुनकर दूल्‍हा-दुल्‍हनो के परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। इस मामले में परिजनों का कहना है कि पहले उन्हें 5 जोड़े तैयार करने के लिए कहा गया था, फिर धीरे-धीरे 91 जोड़े हो गए, लेकिन अचानक सरपंच ने कहा कि पंचायत की तरफ से शादियां रद्द कर दी गईं।इस बारे में जनपद पंचायत सीईओ सीएल मरावी का कहना है कि कार्यक्रम की अनुमति दी ही नहीं गई थी, फिर भी जबरन नाम जोड़े गए।