आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अजय देवगन ने हाल ही में बताया कि वो काम के प्रति हमेशा बेहद सीरियस रहे हैं। परिवार के साथ छुट्टियों पर दो दिन वक्त बिताने के बाद उन्हें बेचैनी होने लगती है। वो सब कुछ छोड़कर बस काम पर वापस जाना चाहते हैं। हालांकि, करियर के पुराने वक्त को याद करते हुए अजय ने बताया कि 90 के दशक में उनकी सफलता चरम पर थी। तब वो एक ही समय में 6 से ज्यादा फिल्में कर रहे थे। उस वक्त वो अपने काम से इतना तंग गए थे की एक्टिंग छोड़ना चाहते थे।

अजय ने खुद को बताया वर्कहोलिक, बोले- काम के बिना बेचैनी होती है

हाल ही में क्रिटिक्स च्वाइस अवॉर्ड्स 2023 में पहुंचे अजय ने कहा- ‘मुझे हमेशा काम से प्यार रहा है। इसे लेकर मेरी भूख जन्मजात रही है।

इस पर एक्टर से सवाल किया गया कि- ‘क्या काम की भूख कभी कम हुई?’ अजय ने जवाब में कहा- ‘हो चुका है। सच कहूं तो 90 के दशक में मेरी जिंदगी का एक मुकाम था। आज हम एक समय में एक ही फिल्म करते हैं। उस समय हम एक समय में 14-15 फिल्में करते थे। हम चार शिफ्ट करते थे और 5 से 6 घंटे काम करते थे। हम सुबह 7 बजे काम पर चले जाते थे, एक सेट पर करीब 12 बजे तक शूट करते थे और उसी जींस में दूसरे सेट पर भी चले जाते थे। हम सिर्फ जैकेट या शर्ट बदलते थे।’

90 के दशक में निभाए किरदारों के नाम तक नहीं याद- अजय

अजय से पूछा गया कि क्या उन्हें याद है कि उस दौरान उन्होंने कौन-कौन से किरदार निभाए थे? अजय ने हंसते हुए कहा- नहीं कितनी बार हम भूल गए और आप उन फिल्मों को देखें, तो हममें से ज्यादातर एक्टर के पास हर फिल्म में एक ही जोड़ी जूते और जींस होते थे।

अजय ने आगे कहा- ‘एक्टर सुबह 7 बजे से अगली सुबह 3-4 बजे तक कर करते थे और कई बार यह सिर्फ एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो में होता था। एक जगह से दूसरी जगह जाओ, वहां शूट पूरा करो और फिर काम पर निकल जाओ। उस वक्त मैं ऐसा महसूस करने लगा था कि मुझे अब रुकना है। मुझे अपने काम में मजा नहीं आ रहा था। ‘