जुबा । अफ्रीका में एक रहस्यमई बीमारी फैली है, जो अब तक कई दर्जन लोगों की जान ले चुकी है। इस बीमारी की वजह से दक्षिण सूडान के जोंगलेई राज्य के उत्तरी शहर फांगक में कई लोगों की मौत हो चुकी है। इस भयावह स्थिति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंता को बढ़ा दिया है। विश्व स्वास्थ्य निकाय ने सैंपल एकत्र करने के लिए एक टीम दक्षिण सूडान के जोंगलेई राज्य के उत्तरी शहर फांगक भेजी है।

अब डब्ल्यूएचओ ने बीमार पड़ने वाले लोगों से नमूने इकट्ठा करके जांच करने के लिए वैज्ञानिकों की एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम को इस क्षेत्र में भेजा है। डब्ल्यूएचओ की शीला बया ने बताया कि हमने जोखिम का पता लगाने और जांच करने के लिए एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम को भेजा है। यह टीम लोगों से सैंपल इकट्ठा करेगी, लेकिन फिलहाल हमें जो आंकड़ा मिला है, उसके अनुसार 89 मौतें हो चुकी हैं। बीमारी से प्रभावित क्षेत्र हाल ही में आई भीषण बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों में से एक है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के समूह को इस वजह से एक हेलीकॉप्टर के माध्यम से फांगक में प्रवेश करना पड़ा।

टीम अब राजधानी जुबा लौटने के लिए ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रही है। देश के भूमि, आवास और सार्वजनिक उपयोगिता मंत्री लैम तुंगवार कुइगवोंग के अनुसार जोंगलेई की सीमा से लगे राज्य में भयंकर बाढ़ ने मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रसार को बढ़ावा दिया है। खाने के कमी के कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा क्षेत्र के खेतों से तेल ने पानी को दूषित कर दिया है, जिससे पालतू जानवरों की भी मौत हो गई है। दक्षिण सूडान के उत्तर में आई बाढ़ इस क्षेत्र के लोगों के लिए विनाशकारी रही है।

बाढ़ ने उन्हें भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तक पहुंच से वंचित कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा कि देश में लगभग 60 वर्षों में आई सबसे भीषण बाढ़ से 700,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिसके लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस क्षेत्र में काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय धर्मार्थ संस्था मेडेकिन्स सैन्स फ्रंटियरेस (एमएसएफ) ने कहा कि बाढ़ के कारण पैदा हुई अराजकता अब स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ा रही है।