सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : हरियाणा के समालखा स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर तीन दिवसीय 77वां निरंकारी संत समागम संपन्न हुआ। इस वर्ष समागम का मुख्य संदेश था “विस्तार-असीम की ओर,” जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भोपाल-जोन 24 ए सहित देश-विदेश से आए भक्तों ने सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज के अमृतमयी प्रवचनों से प्रेरणा प्राप्त की।
सतगुरु का दिव्य संदेश
सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने कहा कि “परमात्मा को जानकर जब हम इसे अपने जीवन का आधार बनाते हैं, तब हमारे जीवन में मानवीय गुणों का विस्तार होता है।” उन्होंने यह भी बताया कि जब मन और मस्तिष्क परमात्मा से जुड़ते हैं, तब मन में स्थिरता और अपनत्व का भाव उत्पन्न होता है।शोभायात्रा और स्वागत
समागम स्थल पर सतगुरु माता और निरंकारी राजपिता का स्वागत फूलों और पुष्प गुच्छों से किया गया। एक भव्य शोभायात्रा के माध्यम से दिव्य युगल का अभिनंदन किया गया।
निरंकारी इंस्टिट्यूट ऑफ म्यूजिक एंड आर्ट्स के 300 से अधिक छात्रों ने नृत्य और संगीत के माध्यम से अपनी भक्ति प्रकट की।
निरंकारी प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में मिशन के इतिहास, विचारधारा, और सतगुरु की कल्याणकारी यात्राओं को दर्शाया गया। साथ ही संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की स्वास्थ्य और समाज कल्याण गतिविधियों को भी प्रदर्शित किया गया। बाल संतों द्वारा प्रस्तुत प्रेरणादायक बाल प्रदर्शनी भी मुख्य आकर्षण रही।
सेवादल रैली
दूसरे दिन सेवादल रैली का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश से आए सेवादल सदस्यों ने भाग लिया। लघु नाटकों, व्यायाम, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से निःस्वार्थ सेवा का महत्व उजागर किया गया। सतगुरु माता जी ने सेवा, समर्पण, और विनम्रता के दिव्य संदेश दिए।
कवि दरबार
तीसरे दिन बहुभाषी कवि दरबार का आयोजन हुआ। देश-विदेश के कवियों ने हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी, और अन्य भाषाओं में रचनाएं प्रस्तुत कीं। बाल कवि दरबार और महिला कवि दरबार ने भी दर्शकों का मन मोह लिया।
स्वास्थ्य सेवाएं
समागम में निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जहां आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के साथ हजारों मरीजों का उपचार हुआ। कायरोप्रैक्टिक तकनीक और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं ने समागम को विशेष बनाया।
समापन
तीन दिवसीय समागम सोमवार रात को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सतगुरु माता जी ने अज्ञानता से उत्पन्न भेदभाव को दूर करने का संदेश दिया और भक्ति को जीवन का आधार बनाने का आह्वान किया। भोपाल-जोन 24 ए के श्रद्धालु, सतगुरु की कृपा प्राप्त कर, प्रेरणा और ऊर्जा के साथ वापस लौटे।
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