आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : 600 करोड़ में बनी फिल्म आदिपुरुष भले ही खराब VFX के चलते ट्रोल हो रही है, लेकिन भारतीय फिल्मों में स्पेशल इफेक्ट्स अब फिल्म मेकिंग का अहम हिस्सा बन चुके हैं। यही वजह है कि 2020 में भारत में VFX का 7900 करोड़ रुपए का कारोबार था और 2024 तक यह आंकड़ा 14,700 करोड़ पर पहुंच सकता है।

बॉलीवुड फिल्मों के स्पेशल इफेक्ट्स को हॉलीवुड के मुकाबले कमतर आंका जाता है। इसके कई कारण हैं जैसे हॉलीवुड VFX बनाने में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का सहारा ले रहा है। वहीं, भारत अभी AI के इस्तेमाल में काफी पीछे है।

AI के इस्तेमाल से हॉलीवुड फिल्मों के VFX पहले से ज्यादा रियलिस्टिक लगने लगे हैं। साथ ही इससे फिल्म मेकिंग में दो साल तक का कम वक्त लग रहा है। मेकर्स के 65 करोड़ रु. तक बच रहे हैं और VFX बनाने का काम भी 300 गुना तेजी से हो रहा है।

AI से कैसे विजुअल इफेक्ट्स बदल रहे हैं, ये जानेंगे लेकिन उससे पहले बताते हैं कि VFX क्या होता है?

फिल्म जरा हटके जरा बचके, वेबसीरीज द ट्रायल, टीवी शो बेकाबू समेत साउथ की कई फिल्मों के VFX आर्टिस्ट गणेश रावल के मुताबिक, विजुअल इफेक्ट्स को ही VFX कहा जाता है। फिल्मों में कई ऐसे सींस होते हैं जिन्हें रियल में फिल्माना संभव नहीं होता। उनकी मेकिंग काफी महंगी और खतरनाक होती है। ऐसे में VFX के जरिए सीन फिल्माए जाते हैं।

अब जानिए AI के जरिए VFX ऐसे बदल रहा है…

गणेश रावल ने कहा, AI VFX की जगह बिल्कुल नहीं ले रहा है बल्कि इसके फील को और निखारने में मदद कर रहा है।

हॉलीवुड में इसका यूज हो रहा है, लेकिन इंडिया में इसका यूज अभी शुरुआती स्टेज पर है। इसका यूज बढ़ने में यहां तकरीबन दो साल का समय लगेगा। ये VFX इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी टूल बनकर उभर रहा है, जिसकी मदद से नई तकनीक भी ईजाद हो रही हैं।