आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज की अनसुनी दास्तानें फिल्म से नहीं थिएटर से शुरू हो रही है…

14 नवंबर 1980 को केरल के थिएटर्स में मलयाली सुपरस्टार जयन की फिल्म दीपम रिलीज हुई। फिल्म हाउसफुल चल रही थी। दो दिन हुए थे, 16 नवंबर को उन्हीं सिनेमाघरों में अचानक फिल्म रुक गई और स्क्रीन पर एक मैसेज आया- सुपरस्टार जयन नहीं रहे।

जिस सुपरस्टार की फिल्म देखने के लिए थिएटर खचाखच भरे थे, उसी की मौत की खबर से चीख-पुकार मच गई, खुशनुमा माहौल मातम में तब्दील हो गया। लोग रोते हुए सिनेमाघर छोड़कर निकल गए। कुछ डायहार्ड फैन ऐसे भी थे, जिन्होंने ये मानने से ही इनकार कर दिया कि जयन मर सकते हैं। वो फिल्म देखते रहे। उन्हें लगा अगर खबर सही है तो कल अखबार में आएगी ही।

हर कोई अगले दिन अखबार के इंतजार में था, जिससे ये खबर कन्फर्म हो। अगले दिन जैसे ही लोगों को फ्रंटपेज पर जयन की मौत की खबर मिली तो केरल के शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। संभवतः ऐसा मातम किसी राज्य ने आज तक नहीं देखा।

अपनी माचो पर्सनालिटी, दमदार डायलॉग और एक्शन से जयन ने मलयाली सिनेमा में वो मुकाम हासिल किया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। वो नेवी की नौकरी छोड़कर फिल्मों में आए थे। लोग उन्हें पूजते थे लेकिन अफसोस कि स्टंट के लिए पहचाने जाने वाले जयन एक जिद से महज 41 साल की उम्र में दुनिया से रुख्सत हो गए।

फिल्म कोलिलक्कम के एक एक्शन सीन में हेलिकॉप्टर से लटकने के एक शॉट की शूटिंग के लिए उन्होंने डायरेक्टर द्वारा शॉट ओके किए जाने के बाद भी रीटेक की जिद की थी, लेकिन वो रीटेक उनकी जिंदगी का आखिरी स्टंट साबित हुआ। बैलेंस बिगड़ा और हेलिकॉप्टर क्रैश से जयन मारे गए।

जयन का स्टारडम कैसा था इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि जयन ने अपने 6 साल के करियर में 150 फिल्में कीं। आज भी कहा जाता है कि कभी रजनीकांत भी उस स्टारडम की बराबरी नहीं कर पाए।

अब कहानी शुरू से शुरू करते हैं…

फिल्मों में आने से पहले नेवी अफसर थे जयन

25 जुलाई 1939 को जयन का जन्म क्विलोन, त्रावणकोर में हुआ। उनका असली नाम कृष्णन नायर था, जो फिल्मों में आने के बाद जयन हुआ। 50 के दशक में भारी संख्या में नौजवानों को इंडियन नेवी में भर्ती किया जा रहा था, ऐसे में जयन ने भी 10वीं में पढ़ाई छोड़कर नेवी जॉइन कर ली।

नेवी में रहते हुए जयन नेवी फुटबॉल टीम के भी खिलाड़ी थे। समय बीता और वो नेवल सेलर बन गए। नेवी में होने वाले हर प्रोग्राम में हर कोई उनसे परफॉर्म करने की रिक्वेस्ट करता था। वो स्टेज पर चढ़ते ही अपने अभिनय से लोगों का खूब मनोरंजन करते थे। बेहतरीन काम करते हुए उनकी नेवी में रैंक बढ़ती गई और वो मास्टर CPO (चीफ पेटी ऑफिसर) की रैंक तक पहुंच गए।

बिजनेस करने एर्नाकुलम गए, दोस्त ने दिलाया फिल्मों में काम

करीब 16 सालों तक इंडियन नेवी का हिस्सा रहने के बाद जयन ने रिटायरमेंट से पहले एर्नाकुलम में बिजनेस करने का मन बनाया। बिजनेस शुरू करने के सिलसिले में जयन कोचीन टूरिस्ट होम में रहा करते थे, जहां उन्होंने कई दोस्त बनाए। उन दोस्तों में राजन प्रकाश भी शामिल थे, जो वेटरन मलयाली एक्टर जोस प्रकाश के बेटे थे और कोचीन में एक ड्राई क्लीनर थे।