आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : क्रिसमस के मौके पर रोनित रॉय ने अपनी वाइफ नीलम से दोबारा शादी कर ली है। एक्टर ने अपनी 20वीं सालगिरह के अवसर पर एक बार फिर पत्नी नीलम के साथ बंगाली रीति रिवाज से शादी रचाई। कपल ने गोवा के मंदिर में ये रस्में निभाईं। इस खास मौके पर दोनों का 16 साल का बेटा अगस्त्य भी मौजूद था।
20 साल पूरे होने की खुशी में की दोबारा शादी
रोनित रॉय और नीलम ने साल 2003 में शादी की थी। ऐसे में 20 साल पूरे होने की खुशी में एक बार फिर दोनों ने वो पल जिया और सात फेरे लिए। रोनित रॉय ने इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान कहा- हालांकि पहले मैंने सोचा था कि सिल्वर जुबली पर नीलम से दोबारा शादी करूंगा, लेकिन नीलम अभी करना चाहती थी।
मेरी बेटी जो फिलहाल विदेश में पढ़ती है, वो भी आई हुई है। दरअसल मेरा बेटा अगस्त्य भी आगे की पढ़ाई के लिए बाहर जाएगा। मेरी मां, जिनको ट्रैवल करने का शौक है, वो भी अभी यही हैं। मुझे ऐसा लगता है ये सब दोबारा होना लिखा ही था। इसलिए सारी चीजें खुद-ब-खुद होती गईं। हां मुझे बहुत खुशी है कि सब इतनी खूबसूरती से हो गया।
नीलम मेरे अंदर कॉन्फिडेंस भर देती है
शादी को लेकर नर्वसनेस के बारे में रोनित ने कहा- जी, मुझे कोई नर्वसनेस नहीं हुई। जब मैंने पहली बार नीलम से शादी रचाई थी, उस वक्त भी मुझे नर्वसनेस नहीं हुई थी। नीलम एक ऐसी महिला है जो आपकी जिंदगी को आसान बना देती है। आप में कॉन्फिडेंस भर देती है। हम दोनों पिछले 23 साल से साथ हैं। आज का मौका हमारे लिए टाइम ट्रैवल जैसा रहा। हम दोनों ने अपने ही सफर को एक बार फिर महसूस किया और सेलिब्रेट किया। मैंने और नीलम ने साथ में जिंदगी के अच्छे और बुरे पल देखें, नए घर में जाना, साथ में ट्रैवल करना, दो बच्चों को बड़ा होते हुए देखना- ये सब बहुत अच्छा महसूस होता है।
दुल्हन के जोड़े में नीलम को देखना मजेदार था- रोनित
नीलम को देखकर रोनित को कैसा लगा? इस बात का जवाब देते हुए एक्टर ने कहा- मजेदार। हम दोनों की शादी पहले से ही हो रखी थी, ऐसे में एक बार फिर शादी करना काफी स्पेशल लगा। जब रिश्तों के बारे में बात हुई तो रोनित बोले- मुझे लगता है हर व्यक्ति अपनी जिंदगी में किसी न किसी चीज के लिए जरूर पैशनेट होता है। लेकिन जब दो लोग साथ में जिंदगी बिताना शुरू करते हैं, तो आपको निस्स्वार्थ बनना सीखना पड़ता है।
आप दोनों को अपने पर्सनल अजेंडा को आखिर में रखकर एक-दूसरे के बारे में सोचना पड़ता है। अगर आप देखेंगे तो मेरे घर की नेमप्लेट में मेरा नाम अंत में आता है। सच कहूं तो- ‘मैं तुम्हारी परवाह करता हूं’- इन शब्दों का मतलब बहुत गहरा है। जब आप किसी की फिक्र करते हैं, तो उसके हर वक्त में साथ देते हैं। चाहे अच्छा वक्त हो या बुरा। हां नॉर्मल लड़ाई-झगड़े होंगे, लेकिन ये भी आपको कुछ न कुछ सिखाते हैं। जब आप इनसे आगे बढ़ जाते हैं और भी स्ट्रॉंग फील करते हैं।