आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : विजय सेतुपति आज 46 साल के हो गए हैं। इन्हें आपने शाहरुख खान स्टारर फिल्म ‘जवान’ में विलेन काली गायकवाड़ के रोल में देखा होगा। 12 जनवरी, 2024 को इनकी एक और फिल्म ‘मैरी क्रिसमस’ रिलीज हुई है। इसमें वो कटरीना कैफ के अपोजिट नजर आए हैं। इन दो हिंदी फिल्मों के अलावा विजय ने साउथ की कई बड़ी फिल्मों में काम किया है; जैसे विक्रम वेधा, सुपर डीलक्स आदि। वो तमिल सिनेमा के चर्चित सुपरस्टार्स में से एक हैं।

उन्होंने अपने 10 साल लंबे करियर में तकरीबन 50 फिल्मों में काम किया है, लेकिन विजय के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था। शुरुआती दिनों में उन्होंने कैशियर, सेल्समैन, फोन बूथ ऑपरेटर जैसी छोटी-मोटी नौकरियां कीं। ज्यादा सैलरी के लालच में इंडिया छोड़कर दुबई तक चले गए, लेकिन बात नहीं बनी।

एक्टिंग से उनका कोई वास्ता नहीं था, लेकिन साउथ के फेमस डायरेक्टर की एक बार उन पर नजर पड़ी। उन्हें विजय का चेहरा काफी फोटोजेनिक लगा। इस डायरेक्टर ने उन्हें फिल्मों में काम करने की सलाह दी। विजय ने ये सलाह मानकर फिल्मों में किस्मत आजमाई और नतीजा सबके सामने है। वो अब तक अपने फिल्मी करियर में एक नेशनल अवॉर्ड समेत कई अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं।

विजय की लाइफ के ऐसे ही और दिलचस्प फैक्ट्स जानिए आगे…

विजय का जन्म 16 जनवरी 1978 को हुआ था। उनका असली नाम विजय गरुनाथ सेतुपति है। उनकी शुरुआती परवरिश राजपालयम, तमिलनाडु में हुई। यहां वो छठी क्लास तक पढ़े और इसके बाद उनका परिवार चेन्नई शिफ्ट हो गया। यहां उनकी स्कूलिंग MGR हायर सेकंडरी स्कूल और लिटिल एंजल हायर सेकंड्री स्कूल में हुई।

विजय के मुताबिक, वो पढ़ाई में बहुत अच्छे नहीं थे। उन्हें स्पोर्ट्स और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भी कोई दिलचस्पी नहीं थी। उनके स्कूल फ्रेंड्स उनके छोटे कद का मजाक उड़ाते थे। विजय की मां उन्हें बचपन में कभी फिल्म दिखाने के लिए थिएटर नहीं ले जाती थीं, क्योंकि जब भी विजय स्क्रीन पर किसी को रोते हुए देखते थे, वो खुद भी रोने लगते थे। यहां तक कि ग्रेजुएशन करने के बाद भी विजय कभी-कभार ही थिएटर में मूवी देखने जाया करते थे। विजय की सिनेमा में दिलचस्पी तब बढ़ी जब वो घर में टीवी पर ही फिल्में देखने लगे।

पैसे कमाने के लिए सेल्समैन, कैशियर बने

जब वो 16 साल के हुए तो उन्होंने यूं ही फिल्म नम्मावर (1994) के लिए ऑडिशन दिया, लेकिन कम हाइट के चलते रिजेक्ट हो गए। उन्होंने बी.डी जैन कॉलेज, थोराईपकम से B.Com. किया। इसके बाद विजय ने पॉकेट मनी के लिए कभी रीटेल स्टोर पर सेल्समैन, फास्ट फूड जॉइंट पर कैशियर, तो कभी फोन बूथ ऑपरेटर के तौर पर काम किया।

इसके बाद उन्होंने सीमेंट बिजनेस में भी हाथ आजमाया, लेकिन ये कुछ खास नहीं चला। ज्यादा पैसों की चाहत में विजय इंडिया छोड़कर दुबई चले गए। यहां उन्हें इंडिया से चार गुना ज्यादा पैसों में अकाउंटेंट की जॉब मिल रही थी। विजय ने कुछ वक्त यहां बिताया, लेकिन फिर अपनी जॉब से नाखुश होकर 2003 में इंडिया लौट आए।

कई बिजनेस किए, मार्केटिंग कंपनी में जॉब भी की

इसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इंटीरियर डेकोरेशन का बिजनेस शुरू किया। कुछ समय तक ये काम करने के बाद एक मार्केटिंग कंपनी ज्वाइन कर ली जो कि रेडीमेड किचन प्रोडक्ट्स बनाती थी। विजय कई तरह के बिजनेस में हाथ आजमा चुके थे, लेकिन किसी में उन्हें खास सफलता नहीं मिली। विजय ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर मेरा कोई भी बिजनेस चल जाता तो मैं कभी एक्टर नहीं बनता मगर किस्मत ने मेरे लिए कुछ और ही प्लानिंग कर रखी थी।

एक दिन चेन्नई के थिएटर ग्रुप कूथुपट्टराय का पोस्टर देखा। इसे देखकर उन्हें फेमस साउथ डायरेक्टर बालू महेंद्र की बात याद आ गई। दरअसल, एक बार विजय की उनसे मुलाकात हुई थी तब उन्होंने विजय को कॉम्प्लिमेंट देते हुए कहा था-तुम्हारा फेस बहुत फोटोजेनिक है। जब कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था तो विजय ने सोचा कि क्यों न एक्टिंग में हाथ आजमाया जाए।