सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अखिल भारतीय रूपक महोत्सव का आयोजन कर रहा है । इस वर्ष अखिल भारतीय रूपक महोत्सव मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रविंद्र भवन के अंजनी सभागार में 11 फरवरी 2025 से 14 फरवरी 2025 तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नव देहली तथा मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित है।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ 11 फरवरी 2025 को प्रातः 10:00 बजे केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के माननीय कुलपति श्रीनिवास बरखेड़ी की अध्यक्षता में होगा उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में साहित्य अकादमी ,नई दिल्ली के सचिव के श्रीनिवास राव, सारस्वत अतिथि के रूप में संस्कृत रंगम चेन्नई की नंदनी रमणी तथा सम्मानित अतिथि के रूप में चिदाकाश कल्ले कोलकाता के पियाल भट्टाचार्य उपस्थित रहेंगे ।
आतिथेय केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक रमाकांत पांडेय का रहेगा । इस कार्यक्रम में प्रति दिवस 6 से 7 नाट्य प्रस्तुतियां होंगी जिन्हें उत्तर प्रदेश के लखनऊ एवं एवं मैनपुरी ,उत्तराखंड के देवप्रयाग ,केरल के गुरुवायुर तथा कालीकट, हिमाचल प्रदेश के बलाहार तथा उना, तमिलनाडु के चेन्नई, महाराष्ट्र के नागपुर, त्रिपुरा के अगरतला,जम्मू ,उड़ीसा के पुरी तथा मध्य प्रदेश के भोपाल के नाट्य दल प्रस्तुत करेंगे।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ,भोपाल परिसर के निदेशक रमाकांत पांडेय ने बताया कि संस्कृत नाटक की परंपरा अत्यंत ही प्राचीन है परंतु यह हर युग में प्रासंगिक है। भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी होने के साथ-साथ कला एवं संस्कृति की नगरी है। यहां पर होने जा रहे बहुभाषी रंग महोत्सव में सभी नगर वासियों ,प्रबुद्ध व्यक्तियों व कला – संस्कृति के प्रेमियों का स्वागत है ।प्राचीन सांस्कृतिक नाट्य परंपरा के प्रत्यक्ष होने के साथ-साथ इस महोत्सव में भारत की बहुरंगी संस्कृति भी परिलक्षित होने जा रही है । उन्होंने समस्त नगर वासियों को इस आयोजन में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया ।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ,भोपाल परिसर, के सहनिदेशक नीलाभ तिवारी ने कहा कि नगर वासियों की सुविधा को देखते हुए इस आयोजन को भोपाल नगर के मध्य में रविंद्र भवन में आयोजित किया जा रहा है । संपूर्ण भारतवर्ष के उत्तर – दक्षिण तथा पूरब – पश्चिम भागों से आए अभिनेता व कलाकार जीवंत प्रस्तुतियां देंगे । सभी रंगकर्म कला प्रेमियों तथा संस्कृत अनुरागियों का इस अवसर पर स्वागत करते हुए उन्होंने भारतीय संस्कृति व कला के वैशिष्ट्य पर सामान्य जन को गर्व होने की बात कही।

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