आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : रणबीर कपूर स्टारर ‘एनिमल’ बॉक्सऑफिस पर जबरदस्त बिजनेस कर रही है। चार दिन में इसका वर्ल्डवाइड कलेक्शन 425 करोड़ के पार पहुंच गया है। खास बात ये है कि फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट मिला है और इसका रनिंग टाइम 3 घंटे 21 मिनट है। इसके बावजूद फिल्म बंपर कमाई कर रही है।

कई रिपोर्ट्स में फिल्म की लंबाई पर मेकर्स की आलोचना हुई है लेकिन इस बारे में जब हमने ट्रेड एक्सपर्ट सुमित कडेल से बात की तो उन्होंने फिल्म के 3.21 मिनट के रनटाइम को सही ठहराते हुए कहा, चंद लोग फिल्म के बारे में क्या सोचते हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता है। रियलटी ये है कि लोगों को फिल्म की लंबाई से कोई प्रॉब्लम नहीं है और इसे एंजॉय कर रहे हैं।

वैसे, हिंदी सिनेमा का इतिहास देखा जाए तो लंबी फिल्मों का ट्रेंड 1964 में राजकपूर ने शुरू किया था। उनकी फिल्म संगम में लंबी होने की वजह से दो इंटरवल भी थे। ये भी दिलचस्प बात है कि लंबी फिल्में बॉक्सऑफिस पर सफल रही हैं। कौन सी थीं ये फिल्में और क्या ‘एनिमल’ के बाद फिर से फिल्ममेकर्स बनाने लगेंगे ज्यादा रनटाइम वाली फिल्में? चलिए जानते हैं।

क्या बॉलीवुड में शुरू हो जाएगा लंबी फिल्मों का दौर?

सुमित कडेल के मुताबिक, एनिमल की सक्सेस के बाद बॉलीवुड में लंबी फिल्मों का ट्रेंड शुरू नहीं होगा। 99% फिल्ममेकर्स अभी भी दो से ढाई घंटे की फिल्म पर ही फोकस करेंगे।जब मेकर्स के अंदर कंविक्शन होगा कि फिल्म लंबी बन सकती है, कहानी में गुंजाइश है तो ही वो इसे लंबा बनाएंगे, अन्यथा नहीं।

वहीं, ट्रेड एक्सपर्ट रोहित जायसवाल कहते हैं, हां, क्यों नहीं। एनिमल की सक्सेस के बाद बिल्कुल संभव हो सकता है कि फिल्मों को लंबा बनाने का ट्रेंड शुरू हो जाए। लेकिन इसमें एक बड़ी बात ये देखनी होगी कि किसी भी फिल्म की लेंथ अगर दो-ढाई घंटे से ऊपर जा रही है तो उस फिल्म को बहुत एंगेजिंग होना पड़ेगा ताकि लोग फिल्म देखने के लिए अपनी सीट से चिपके रहें। ये तभी हो सकता है जब डायरेक्टर बहुत ही जबरदस्त निर्देशन करे। अगर थोड़ा भी कमजोर डायरेक्टर रहा तो फिल्म की लंबाई को उसकी स्ट्रेंथ की जगह उसकी वीकनेस बना देगा।

ज्यादातर हिट रही हैं लंबी फिल्में

‘एनिमल’ से पहले कई फिल्में रिलीज हुई हैं जिनका रनिंग टाइम दो-ढाई घंटे के मुकाबले तीन, साढ़े तीन घंटे या चार से पांच घंटे तक रही है। खास बात ये है कि ज्यादातर लंबी फिल्में बॉक्स-ऑफिस पर सफल भी रही हैं। एक नजर कुछ फिल्मों पर…

‘संगम’ में थे दो इंटरवल

बॉलीवुड में लंबी फिल्मों का ट्रेंड राजकपूर लेकर आए थे। 1964 में आई फिल्म संगम में राज कपूर, राजेंद्र कुमार और वैजयंतीमाला नजर आए थे जिसका रनटाइम 3 घंटे 58 मिनट था। ये पहली फिल्म थी जिसमें दो इंटरवल रखे गए थे। ये अपने जमाने की सुपरहिट फिल्म थी। 26 जून 1964 को बंबई में अप्सरा सिनेमा में ‘संगम’ का प्रीमियर से हुआ था।

दो इंटरवल होने से इस फिल्म के सिर्फ तीन शो चलते थे, लेकिन इस दौरान भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू हो गया, जिसके कारण बंबई में ब्लैक आउट होने लगा और संगम केवल दो शो में दिखाई जाने लगी। इसके बावजूद संगम की सफलता कुछ ऐसी रही कि ये फिल्म साठ के दशक में ‘मुगल-ए-आज़म’ के बाद सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाने वाली फिल्म बन गई। फिल्म ने 8.80 करोड़ का कलेक्शन किया था।

‘मेरा नाम जोकर’ बनाने में कर्ज में डूब गए थे राजकपूर

6 साल में तैयार हुई फिल्म मेरा नाम जोकर राज कपूर का ड्रीम प्रोजेक्ट था। फिल्म बनाने के लिए राज कपूर ने पत्नी कृष्णा के सारे गहने गिरवी रख दिए और भारी कर्ज लिया था। 4 घंटे में बनी ये फिल्म भारत की सबसे लंबी फिल्मों में से एक थी, जिसमें दो इंटरवल रखे गए थे। फिल्म इतनी बड़ी फ्लॉप रही कि राज कपूर भारी कर्ज में डूब गए। नुकसान से उबरने के लिए राज कपूर को बॉबी फिल्म बनानी पड़ी थी। जब बड़े एक्टर को लेने के लिए पैसे नहीं थे, तो उन्होंने बेटे ऋषि कपूर को कास्ट किया।

‘शोले’ ने कमाए थे 35 करोड़

डायरेक्टर रमेश सिप्पी की 1975 में आई आइकॉनिक फिल्म ‘शोले’ भी बॉलीवुड की लंबी फिल्मों में शामिल है। 3 घंटे 20 मिनट की फिल्म को सिनेमाघरों में आते-आते करीब तीन साल का वक्त लगा था। दरअसल, रमेश सिप्पी फिल्म के कुछ सीन्स को इम्प्रोवाइज करवाने के लिए इन्हें बार-बार शूट करवाते थे जिससे इसकी मेकिंग में टाइम लग गया था। फिल्म में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और अमजद खान ने अहम भूमिका निभाई थी। फिल्म का बजट 1 करोड़ से बढ़कर 3 करोड़ हो गया था।

किसी को उम्मीद नहीं थी कि फिल्म अच्छा बिजनेस करेगी। हुआ भी ऐसा ही शुरुआत के कुछ दिनों तक फिल्म की कमाई निराशाजनक थी। मगर धीरे-धीरे माउथ पब्लिसिटी से फिल्म ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि कमाई के नए रिकॉर्ड बना दिए। फिल्म ने 35 करोड़ की कमाई की। 20 साल तक इसकी कमाई का रिकॉर्ड कोई फिल्म नहीं तोड़ पाई।