आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने मजबूत शुरुआत की है। टीम ने पहले ही दिन 327 रन बना डाले और उनके 7 विकेट बाकी हैं। ट्रेविस हेड और स्टीव स्मिथ की जोड़ी 251 रन की पार्टनरशिप कर नाबाद है। कंगारू टीम 500+ के स्कोर के पार जाने के लिए प्लेटफॉर्म सेट कर चुकी है। ऐसा होने पर ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 1 पारी के दम पर भारत को मैच से लगभग बाहर कर देगा।
ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया के खिलाफ अब तक 10 बार पहली पारी में 500 रन या इससे ज्यादा का स्कोर बनाया है। इसमें उसे 5 में जीत मिली और सिर्फ 1 में हार झेलनी पड़ी। 1 टेस्ट टाई रहा और 3 ड्रॉ रहे।
हेड (नाबाद 146) और स्टीव स्मिथ (नाबाद 95) दूसरे दिन बैटिंग शुरू करेंगे। डेविड वार्नर ने 43 और मार्नस लाबुशेन ने 26 रन बनाए, जबकि उस्मान खाता खोले बिना आउट हुए। टीम इंडिया की ओर से मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी और शार्दूल ठाकुर ने एक-एक विकेट लिया।
इस स्टोरी में हम 3 फैक्टर्स में जानेंगे कि पहले दिन भारतीय टीम से कहां-कहां गतलियां हुईं…
- प्लेइंग-11 का चुनाव
रोहित शर्मा फाइनल मुकाबले में चार तेज गेंदबाज और एक स्पिनर के बॉलिंग कॉम्बिनेशन के साथ उतरे। टीम में स्पेशलिस्ट स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की जगह रवींद्र जडेजा को अहमियत दी गई। अश्विन को मौका दिया जा सकता था, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम में 5 लेफ्ट हैंडर बैटर्स हैं। जडेजा की लेफ्ट आर्म स्पिन प्रभावी नहीं रही।
अश्विन ने 241 बार लेफ्टी बैटर्स को आउट किया है, जबकि 233 बार उन्होंने राइट हैंड बैटर्स के विकेट भी लिए हैं। दूसरी ओर जडेजा ने राइटी बैटर्स को 174 और लेफ्टी बैटर्स को 90 बार आउट किया है। दिग्गज सुनील गावसकर ने भी प्लेइंग-11 जारी होने के बाद कहा कि 5 लेफ्ट हैंड बैटर्स के सामने अश्विन को मौका दिया जाना चाहिए था, लेकिन जडेजा को उनकी बैटिंग के कारण प्राथमिकता मिल गई।
अश्विन और जडेजा का लेफ्ट हैंडर्स बल्लेबाजों के खिलाफ कैसा रिकॉर्ड रहा है यह अगले ग्राफिक में आप देख सकते हैं।
- पिच फ्लैट होते ही खुल गई गेंदबाजी की पोल
टॉस के बाद शुरुआती कुछ ओवर्स तक भारतीय गेंदबाजों को अच्छी स्विंग मिली। तब लंदन के आसमान में बादल थे। ऐसे में पिच में नमी थी, जो स्विंग में मदद कर रही थी। टीम इंडिया ने इसका फायदा उठाया और 3 विकेट निकाले।
दोपहर होते-होते धूप खिल गई और नमी कम होती गई। ऐसे में मौसम के साथ पिच का मिजाज भी बदल गया। दूसरे सेशन से पिच में बॉल कम स्विंग हो रही थी। शुरुआती 25 ओवर में 3 विकेट निकालने के बाद हमारे बॉलर्स 60 ओवर तक एक भी विकेट नहीं ले सके। इससे साफ है कि फ्लैट पिच पर विकेट निकालने लायक गेंदबाज हमारे पास नहीं थे।
- कमजोर रही रणनीति
भारतीय कप्तान और बॉलर्स की रणनीति भी कमजोर रही। तेज गेंदबाजों ने शुरुआत में गुड लेंथ पर बॉलिंग की और विकेट निकाले, लेकिन लाबुशेन के विकेट के बाद हमारे बॉलर ट्रेविस हेड पर दवाब नहीं बना सके।