सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल राजधानी में नई अवैध कॉलोनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है। जिला प्रशासन ने 250 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों के खिलाफ नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बताते हैं कि कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर करने के साथ ही कॉलोनी को राजसात किया जाएगा।

ऐसे में सवाल उठता है कि पहले बीते डेढ़ साल में 250 अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजर के खिलाफ शहर के अलग-अलग पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। हालांकि अब तक न तो कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई ही हो सकी और न ही यहां रहने वाले लोगों को कोई राहत मिली है। नई व्यवस्था में भी इन कॉलोनियों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।

रजिस्ट्री में किसान और खरीदार, बच जाते हैं अवैध कॉलोनाइजर

रिटायर्ड अधिकारियों का कहना है कि असल में अवैध कॉलोनी में प्लॉट या मकान लेने वाले आम लोग होते हैं। इसके अलावा जमीन किसान के नाम होती है। अवैध कॉलोनाइजर किसान से जमीन लेकर उस पर प्लॉट काट देते हैं। रजिस्ट्री में भी किसान और खरीदने वाले का नाम होता है। राजस्व के रिकॉर्ड में कहीं भी इस तरह के कॉलोनाइजर नहीं आते हैं। इसका फायदा उठाकर वे बच जाते हैं।

एफआईआर से कुछ नहीं होता

रिटायर्ड सीएसपी सलीम खान का कहना है कि राजस्व से जुड़े मामलों की प्रोसेस बहुत जटिल है। सिर्फ एफआईआर करने से कुछ नहीं होता है। इसके लिए पहले जिला प्रशासन को संबंधित जमीन का पूरा रिकॉर्ड दस्तावेज के रूप में उपलब्ध कराना होता है।

नगर निगम, टीएंडसीपी और अन्य विभाग जो जरूरी अनुमति देते हैं, उनसे भी संबंधित रिकॉर्ड मिलना चाहिए। उसके विश्लेषण के बाद ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रभावी संभावना बनती है। रिकॉर्ड और साक्ष्य कमजोर होने पर केस बहुत लंबे चलते हैं।

ये पुलिस की जिम्मेदारी

रिटायर्ड एडिशनल कलेक्टर रवि कुमार का इस संबंध में कहना है कि कानूनी तौर पर अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। अगर एफआईआर हो गई है, तो पुलिस जांच पूरी करे। केस से संबंधित जो भी दस्तावेज चाहिए, वह राजस्व और अन्य संबंधित विभागों से लें। एफआईआर होने के बाद आगे जांच की पूरी जिम्मेदारी पुलिस की है।

255 कॉलोनियों को माना है अवैध

भोपाल में सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार साल 2022 तक अवैध कॉलोनियों की संख्या 576 है। इनमें से 31 दिसंबर 2016 के पहले की 320 कॉलोनियों को वैध किया जा चुका है। साल 2016 के बाद अस्तित्व में आई 255 कॉलोनियों को पूरी तरह अवैध माना गया है। साल 2023 के अंत तक इन सभी 255 कॉलोनियों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। नए सर्वे में एफआईआर होने वाली कॉलोनी को भी शामिल किया जाएगा।