सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच का बॉर्डर करीब 24 घंटे बंद रहने के बाद फिर से खुल गया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर बाढ़ का आरोप लगाने के बाद लिया गया था। 19 सितंबर को ममता ने झारखंड-बिहार बॉर्डर को तीन दिन के लिए सील करने का आदेश दिया था, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रकों की लंबी कतारें लग गई थीं।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता को सलाह दी कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और बाढ़ के लिए डीवीसी को दोष न दें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बांकुरा, बीरभूम और मेदिनीपुर जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का कारण कंगसाबती, सिलाबती और द्वारकेश्वर नदियों में हुई भारी बारिश है।
मुख्यमंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि डीवीसी के बांधों से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण राज्य में बाढ़ आई है, जिससे 50 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। ममता ने इसे “मानव निर्मित बाढ़” करार दिया और कहा कि यदि लापरवाही जारी रही, तो राज्य निगम के साथ सभी संबंध तोड़ देगा।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने ममता के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि डीवीसी के बांधों से पानी छोड़ने के संबंध में राज्य सरकार को हर स्तर पर सूचित किया गया था, ताकि किसी बड़ी आपदा को रोका जा सके।
बॉर्डर खुलने से अब मालवाहक ट्रकों की आवाजाही शुरू हो गई है, जो कच्चा माल और अन्य आवश्यक सामान ले जा रहे थे।