सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कइंटीग्रेटेड ट्रेडन्यूज़ भोपाल: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज, 24 जून को प्रारंभ हुआ। इस सत्र में शपथ ग्रहण, स्पीकर का चुनाव और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नए सरकार के रोडमैप पर संबोधन शामिल है। लाइव अपडेट्स के लिए बने रहें।

# संसद सत्र LIVE: पीएम मोदी ने नए सांसदों का स्वागत, विपक्ष को दी जिम्मेदारी निभाने की सीख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी नव-निर्वाचित सांसदों का हार्दिक स्वागत किया और पहले सत्र की शुरुआत पर विपक्ष को जिम्मेदारी निभाने की नसीहत दी। इस अवसर पर बीजेपी के भर्तृहरि महताब ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली।

# लोकसभा का सत्र: नए सांसदों के शपथ ग्रहण के साथ शुरू हुआ ऐतिहासिक सत्र

आज 18वीं लोकसभा का पहला सत्र नव-निर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण के साथ आरंभ हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। इस सत्र में एनडीए के पास 293 सीटें हैं, जिसमें बीजेपी की हिस्सेदारी 240 सीटों की है, जो अकेले बहुमत के लिए आवश्यक 272 सीटों से थोड़ी कम है। विपक्षी INDIA ब्लॉक ने भी मजबूती से 234 सीटों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

# विपक्षी INDIA ब्लॉक का जोश, सांसदों ने एकजुटता दिखाते हुए किया संसद में प्रवेश

पहले दिन विपक्षी INDIA ब्लॉक के सांसदों ने एकजुटता का अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए संसद परिसर में एकत्र होकर लोकसभा के लिए मार्च किया। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सांसद पुराने संसद भवन के गेट नंबर 2 के पास इकट्ठा हुए, जहां कभी महात्मा गांधी की प्रतिमा थी, और एकसाथ मार्च करते हुए सदन में प्रवेश किया।

# प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति पर विपक्ष की नाराज़गी, कमेटी के बहिष्कार का फैसला

प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की नियुक्ति पर विपक्षी INDIA ब्लॉक में नाराज़गी देखी गई। विपक्षी सांसदों ने प्रोटेम कमेटी के बहिष्कार का एलान किया है और उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में प्रोटेम स्पीकर की मदद नहीं करने की बात कही है। इस कदम ने सत्र की शुरुआत से ही संसद में गरमा-गरमी का माहौल बना दिया है।

# विपक्ष का हमला: प्रोटेम स्पीकर नियुक्ति पर उठा सवाल, लोकतंत्र की मूल भावनाओं की अनदेखी का आरोप

विपक्ष ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में भर्तृहरि महताब की नियुक्ति पर कड़ी आपत्ति जताई है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह नियुक्ति लोकतंत्र की मूल भावनाओं के खिलाफ है और इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। विपक्षी नेताओं ने इसके विरोध में प्रोटेम कमेटी के बहिष्कार का निर्णय लिया है, जिससे संसद में एक नई बहस का आगाज हो गया ह।