बिलासपुर । एनएचएआई की गलतियों का खामियाजा सेंदरी का 18 परिवार अभी भी भुगत रहा है। गलत जगह में बांध पर बनाए गए पूल से आई बाढ़ के कारण जहां 7 घर ढह जाने से परिवार के लोग रिश्तेदारों के यहां शरणार्थी जीवन बसर करने को मजबूर हैं। वहीं 11 लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। जिनके पास खाने को दाने की समस्या उत्पन्न हो गयी है। गांव का हालात जानने जब बैंबू पोस्ट की टीम सेंदरी गांव पहुंची और इन लोगों का हाल जाना तो टीम को पता चला कि बाढ़ के बाद गांव की सफाई तक नहीं हुई है। ।
लोगों को उचित मुआवजा दिया जाना तो दूर 5 अगस्त को आई बाढ़ के बाद कोई प्रशासनिक अधिकारी पीडि़तों का हाल जानने भी नहीं पहुंचा। इन अधिकारियों की मर चुकी मानवता ने लोगों के जीवन जिने के अधिकार को भी छिन लिया है। रोज कमाकर खाने वाले इन परिवार के लोगों के पास इतना भी पैसा नहीं है कि वे किराए का मकान लेकर गुजर बसर कर सके। भरी
बरसात में एनएचएआई की गलतियों से मिली बेकसूरों को बेघर होने की सजा पर बहरी, अंधी हो चुकी सरकार का भी इस ओर ध्यान नहीं है। न ही एनजीओ और क्लबों का इस ओर ध्यान गया है।
बांध के बाढ़ से प्रभावित लोग
बांध के टूटने से यहां के अशोक यादव, गेंदिया बाई, बल्लूराम यादव, परस राम प्रजापति, रामू प्रजापति, रामेश्वर राठौर, मनोज प्रजापति, जगदीश प्रजापति, जेठू राम साहू, परमेश्वर साहू, संतोषी बाई, नरेश पटेल, गुडिय़ा भारद्वाज, अरुण बंदे, अशोक सूर्यवंशी, छातराम, पुनी लाल को क्षति पहुंची थी। इनको अब तक प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल सकी है