आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: 12 साल बाद ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत में हो रहा है। 5 अक्टूबर से इसकी शुरुआत हो जाएगी। इसमें अब 50 दिन से कम समय रह गया है। ऐसे में ICC ने प्रमोशन की तैयारी शुरू कर दी हैं। बुधवार सुबह करीब साढे़ सात बजे ताजमहल में कुछ लोग हाथ में चमचमाती ट्रॉफी लेकर पहुंचे।
ट्रॉफी को ताजमहल के वीडियो शूट प्लेटफॉर्म पर रख दिया गया। जैसे ही पर्यटकों की नजर ट्रॉफी पर पड़ी तो रुक गए। फिर ट्रॉफी के साथ सेल्फी लेने और वीडियो बनवाने के लिए पर्यटकों में होड़ लग गई। सुरक्षाकर्मियों ने मुश्किल से लोगों को संभाला। बाद में लोगों ने दूर से ही फोटो और वीडियो शूट कराए। इस दौरान ट्रॉफी के चारों तरह बाउंसर खडे़ थे।
”1 घंटे शूटिंग चली, इसमें ICC या BCCI से कौन था, ये जानकारी नहीं”
ताजमहल के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि ICC की ओर से उनसे ट्रॉफी के शूट को लेकर परमिशन मांगी गई थी। करीब एक घंटे तक शूटिंग चली। शूट में ICC या BCCI की ओर से कौन था, ये जानकारी नहीं है।
अंतरिक्ष में लॉन्च हुई थी ट्राफी
दो माह पहले अंतरिक्ष में ट्रॉफी की लॉन्चिंग की गई थी। ICC ने अमेरिका की प्राइवेट स्पेस एजेंसी ‘सेंट इंटु स्पेस’ की मदद से ट्रॉफी को बलून के सहारे अंतरिक्ष में भेजा। फिर पृथ्वी की सतह से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचाने के बाद स्ट्रैटोस्फियर में ट्रॉफी का अनावरण किया गया। उसके बाद अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ट्रॉफी को लैंड कराया गया। इसके साथ ही ट्रॉफी के वर्ल्ड टूर का ऐलान भी किया गया था।
18 देशों का सफर करके भारत लौटी है ट्राफी
वहीं, लॉन्चिंग के बाद 27 जून से शुरू होने वाले वर्ल्ड टूर के तहत यह ट्रॉफी 18 देशों का सफर करके भारत लौटी। अब ट्राफी को भारत के अलग-अलग शहरों में ले जाया जा रहा है। इससे पहले ट्राफी उत्तर प्रदेश के लखनऊ भी पहुंची चुकी है। यह टूर 4 सितंबर को समाप्त होगा।
11 किग्रा वजनी है वर्ल्ड कप ट्रॉफी
ICC की ट्रॉफी का डिजायन लंदन में पॉल मॉर्सडेन ऑफ गारर्ड एंड कंपनी ने तैयार किया था। इस ट्राफी का वजन 11 किग्रा है और ऊंचाई 65 सेमी है। ट्रॉफी को सिल्वर और गोल्ड रंग से रंगा जाता है। इसके बीच में एक ग्लोब है, जिसे क्रिकेट बॉल की शक्ल दी गई है। ये ग्लोब तीन पिलर पर रखा गया है। इन पिलर्स को स्टंप माना गया है। वहीं नीचे एक गोलाकार बेस है, जिस पर विजेता टीम का नाम लिखा जाता है।
ट्राफी को तीन स्टेज में बनाया जाता है। पहला डिजाइन, फिर मैन्यूफैक्चरिंग और आखिर में नक्काशी। ट्रॉफी का ढांचा तैयार होने के बाद उसकी पॉलिशिंग शुरू हो जाती है। इस ट्रॉफी में सिल्वर और गोल्ड का पानी चढ़ाया जाता है।