आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : बॉलीवुड की कल्ट क्लासिक फिल्म ‘कुछ-कुछ होता है’ के 25 साल पूरे हो गए हैं। जब भी आइकॉनिक गानों की बात होती है, इस फिल्म के सारे सॉन्ग्स जरूर याद किए जाते हैं। इन यादगार गानों को बनाने के पीछे म्यूजिक कंपोजर जोड़ी ललित-जतिन का सबसे बड़ा हाथ है।

चूंकि फिल्म ने सिल्वर जुबली कम्प्लीट कर लिया है, तो हमने फिल्म और इसके म्यूजिक के बारे में अनसुनी बातें जानने के लिए ललित पंडित से एक्सक्लूसिव बातें कीं।

ललित ने बताया कि फिल्म का म्यूजिक इतना हिट था कि इसे बनाने वाली म्यूजिक कंपनी सोनी वाले भी शॉक्ड हो गए थे। उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि इस फिल्म से इतना रेवेन्यू कैसे जेनरेट हो गया।

ललित पंडित ने बताया कि वैसे तो फिल्म करण जौहर की थी, लेकिन इसमें थोड़ा बहुत काम आदित्य चोपड़ा ने भी किया था। फिल्म के एक गाने को आदित्य ने बैठकर अपनी निगरानी में बनवाया था।

150 म्यूजिशियन दिन-रात फिल्म के गानों पर काम करते थे। इसके गाने इतने फेमस हुए कि मिडिल ईस्ट के कई देशों ने इसका डब वर्जन बना कर रिलीज किया था।

फिल्म से जुड़े अनसुने किस्से ललित पंडित की जुबानी..

आदित्य चोपड़ा और करण जौहर ने कॉलेज में ही सोच लिया था कि अपनी फिल्म में म्यूजिक का काम जतिन-ललित को ही देंगे

‘मुझे आदित्य चोपड़ा ने एक बार कहा था कि जब वे और करण जौहर कॉलेज में पढ़ते थे, उसी वक्त ‘जो जीता वही सिकंदर’ रिलीज हुई थी। इस फिल्म का म्यूजिक हमने ही दिया था। आदित्य और करण इसके गानों को बहुत एंजॉय करते थे। उन्हें फिल्म का गाना इतना पसंद आया था कि वे इसे गुनगुनाकर टेबल भी बजाते थे।

उसी दौरान आदित्य और करण जौहर बात करते थे कि वे जब भी फिल्म मेकिंग करेंगे, उसके गाने ललित-जतिन से ही बनवाएंगे। यह सच भी हुआ। आदित्य चोपड़ा की पहली फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ का म्यूजिक हमने ही दिया था। उस फिल्म में करण जौहर असिस्टेंट डायरेक्टर थे। वहां से हमारा परिचय हुआ, फिर हमने साथ में ‘कुछ-कुछ होता है’ के लिए काम किया।’

‘कुछ-कुछ होता है’ के लिए करण ने नहीं बल्कि आदित्य चोपड़ा ने अप्रोच किया था

‘कुछ-कुछ होता है के डायरेक्टर भले ही करण जौहर थे, लेकिन इस फिल्म के लिए हमें आदित्य चोपड़ा ने अप्रोच किया। उन्होंने हम दोनों भाइयों (जतिन-ललित) को अपने घर बुलाया।

वहां आदित्य जी ने कहा- करण एक फिल्म बना रहा है। शाहरुख, काजोल और रानी मुखर्जी इसमें काम कर रहे हैं। इस फिल्म के लिए करण को बेहतरीन म्यूजिक चाहिए। आप दोनों बताइए कि इस फिल्म के लिए कितना समय दोगे।

मैंने कहा कि करण की फिल्म है तो पूरा समय देंगे और अच्छा काम करके दिखाएंगे। हम फिर करण से उनके पिता यश जौहर के खार वाले ऑफिस में मिले और यहीं से काम शुरू हुआ।’

करण ने कहानी सुनाई तो ऐसा लगा सामने फिल्म चल रही है

‘मैंने बहुत सारे डायरेक्टर्स के साथ काम किया है, लेकिन जिस तरह करण जौहर ने फिल्म की कहानी सुनाई वैसा नरेशन मैंने कभी नहीं सुना था। ऐसा लग रहा था कि जैसे सामने फिल्म चल रही हो। कोई आदमी ऐसी कहानी तभी सुना सकता है जब वो खुद इसे फील कर रहा हो।

इसकी कहानी सुनकर हमने सोच लिया कि यह कोई आम फिल्म नहीं है। शायद इसी वजह से हमने इस फिल्म को अपना पूरा टाइम दिया, इसलिए आज 25 साल बाद भी इसे एंजॉय कर रहे हैं।’